कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में उर्दू और हिंदी अकादमी धनक के रंग उत्सव का आयोजन करेगी। दोपहर से ही सांस्कृतिक विविधताओं का जश्न मनाया जाएगा। शाम को सूफी और रॉक बैंड के प्रदर्शन के साथ-साथ एक महिला मुशायरा और कवि सम्मेलन होगा।
गुजरते साल के आखिरी हफ्ते का कल्चरल कैलेंडर दिल्ली वालों के जीवन में खुशियों और ताजगी के रंग भरेगा। इसी यकीन के साथ दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा विभाग ने विभिन्न अकादमियों और पर्यटन विभाग के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक गिफ्ट पैक तैयार किया है। यह दिल्ली वासियों के कल्चरल टेस्ट के लिहाज से बनाया गया है। इसमें लोगों को देश की समृद्ध सांस्कृतिक से जुड़ने का मौका मिलेगा।
दिल्ली में देश के कोने-कोने से लोग रहते हैं। ज्यादातर लोगों की भागदौड़ भरी जिंदगी है, लेकिन इतनी व्यस्त दिनचर्या से जो लोग कुछ सुकून के पल निकाल लेते हैं। उनके लिए यह कल्चरल कैलेंडर है। इसमें 24 व 25 दिसंबर को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में धनक के रंग उत्सव का आयोजन होगा। इसमें सूफी व रॉक बैंड, महिला मुशायरा व कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। 28 और 29 दिसंबर को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में 'एक शाम राजस्थानी लोक प्रदर्शन और कव्वाली के नाम' कार्यक्रम का आयोजन होगा। 27 से 29 दिसंबर तक कमानी ऑडिटोरियम में होने वाला ठुमरी महोत्सव शास्त्रीय संगीत के शौकीनों के लिए बेहद खास होगा। शहर और गांव के कई कलाकार उत्तरिणी और रागिनी भी प्रस्तुत करेंगे।
दिल्ली के कला एवं संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि दिल्ली सरकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है, ताकि दिल्ली में रह रहे लोग अपनी समृद्ध संस्कृति को जान सकें। कल्चरल कैलेंडर के लिए कला, संस्कृति और भाषा विभाग ने विभिन्न अकादमियों और पर्यटन विभाग के सहयोग से कई तरह के कार्यक्रम तैयार किए हैं। इस पहल का उद्देश्य न केवल लोगों का मनोरंजन करना है, बल्कि इन्हें शिक्षित करना भी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में कनॉट प्लेस सेंट्रल पार्क में हुआ नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल बेहद सफल रहा। उत्तर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में उत्तर पूर्व राज्यों के पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रस्तुत किए गए।
सेंट्रल पार्क में धनक के रंग
रविवार को कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में उर्दू और हिंदी अकादमी धनक के रंग उत्सव का आयोजन करेगी। दोपहर से ही सांस्कृतिक विविधताओं का जश्न मनाया जाएगा। शाम को सूफी और रॉक बैंड के प्रदर्शन के साथ-साथ एक महिला मुशायरा और कवि सम्मेलन होगा। समृद्ध परंपरा और विरासत को याद रखने के लिए 'गालिब याद रखें' उत्सव होगा। यहां एंट्री फ्री है।