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आतिशी ने अंतरिम बजट को बताया जुमलों का पिटारा, कहा- केंद्र सरकार करती है सौतेला व्यवहार

Divya Dubey
2 Feb 2024 6:40 AM GMT
आतिशी ने अंतरिम बजट को बताया जुमलों का पिटारा, कहा- केंद्र सरकार करती है सौतेला व्यवहार
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दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार हमेशा सौतेला व्यवहार करती आई है। इस साल भी केंद्र सरकार ने अपने इसी रवैये को जारी रखा है।

दिल्ली की आप सरकार ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को पेश किए गए बजट को जुमला करार दिया। केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है, वो ये साबित करता है कि यह जुमलों की सरकार है। पीएम मोदी ने 2014 में कहा था कि हर साल दो करोड़ नौकरियां देंगे, लेकिन 10 साल बीतने के बाद क्या इस देश के युवाओं को 20 करोड़ नौकरियां मिली? नहीं मिली। 10 करोड़ तो बहुत दूर की बात है, पिछले 10 सालों में मोदी जी की सरकार ने एक करोड़ नौकरियां भी नहीं दी।

उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार में 10 लाख से ज्यादा पद खाली हैं। जो युवा नौकरियां ढूंढ रहे हैं उन्हें न तो प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां मिल रही हैं और न ही सरकारी सेक्टर में और इसके बाद अब फिर एक नया जुमला दिया गया है कि 55 लाख नौकरियां देंगे।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि आज लोगों पर महंगाई की मार पड़ी हुई है। आटा, दाल, सब्जी, पेट्रोल, डीजल आम आदमी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। आम आदमी अपना घर नहीं चला पा रहा है, लेकिन आज बजट में महंगाई को कम करने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया गया है।

वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के प्रति केंद्र सरकार हमेशा सौतेला व्यवहार करती आई है। इस साल भी केंद्र सरकार ने अपने इसी रवैये को जारी रखा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को केंद्रीय करों में उचित शेयर मिले तो दिल्ली को केंद्र सरकार के कम से कम 15,000 करोड़ रुपए मिलने चाहिए, लेकिन दिल्ली को उसके एवज में मात्र 1,000 करोड़ मिला है। साथ ही देशभर के स्थानीय निकायों के लिए केंद्र सरकार ने बजट में पैसा रखा है, लेकिन दिल्ली एमसीडी के लिए एक रुपए भी नहीं रखा है, जो दिल्ली के प्रति इनका सौतेला व्यवहार दिखाता है।

उन्होंने बजट को जुमला करार देते हुए कहा कि इस साल केंद्र सरकार ने कुल बजट का मात्र 1.5 फीसद स्वास्थ्य सेक्टर के लिए और शिक्षा के लिए कुल बजट का मात्र दो फीसद आवंटित किया है। ये दिखाता है कि बजट की घोषणाएं सिर्फ और सिर्फ भाजपा शासित केंद्र सरकार के जुमले हैं जबकि वास्तविकता में कुछ नहीं हो रहा है।

Divya Dubey

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