पुलिस की कार्रवाई से नाराज सन्यासी सड़क पर बैठे; नरसिंहानंद गिरी का मिला समर्थन
सन्यासियों की मांग है कि श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि को जेड प्लस सुरक्षा मिले। इसी मांग को लेकर हरकी पैड़ी से एक पदयात्रा भी निकाल चुके हैं।
अपने गुरु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के लिए जेड प्लस सुरक्षा मांग रहे आमरण अनशनरत यति सन्यासी पुलिस प्रशासन के विरोध में जिला मुख्यालय के सामने वाली सड़क पर आमरण अनशन पर बैठ गए है।
रात पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज और अनिल यादव से वार्ता करके ठंड और खतरे की दुहाई देकर यति सन्यासियों को सुबह तक के लिये उठवा दिया था। अपने गुरु की बात मानकर यति सन्यासी रातभर के लिए शिवशक्ति धाम डासना चले गए थे।
परंतु उनके जाते ही पुलिस ने उनका टेंट उखाड़ कर फेक दिया। जब सुबह धरना स्थल पहुंचे सन्यासियों ने यह देखा तो उन्होंने सड़क पर बैठने का निश्चय किया। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि अब स्वयं सड़क पर उतरेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि रविवार सुबह छह यति सन्यासी डासना देवी मंदिर से केंद्रीय मंत्री के आवास पर जाने के लिए रवाना होने वाले थे। इससे पहले ही सुबह आठ बजे इलाके की पुलिस मंदिर में पहुंच गई। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि को जेड प्लस सुरक्षा देने के लिए सभी सन्यासी आंदोलनरत हैं। यति सन्यासियों ने अब 21 जनवरी से केंद्रीय राज्यमंत्री एवं गाजियाबाद के सांसद जनरल वीके सिंह के आवास पर आमरण अनशन शुरू करने का एलान किया था।
पुलिस ने श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा और गणतंत्र दिवस को लेकर ये अनशन एक हफ्ते के लिए टालने का आग्रह किया था, उसके बाद इसकी तारीख सात दिन आगे बढ़ा दी गई थी। यति नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि पुलिस ने उनके शिष्यों को मंत्री के घर जाने से रोक दिया। पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि वे केंद्रीय मंत्री के घर नहीं जा सकते, इसके अलावा कहीं और अनशन कर सकते हैं। जिसके बाद छह यति सन्यासी कलक्ट्रेट परिसर के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।