सोशल मीडिया पर फेम के लिए लगाते है जान की बाजी. क्या माता-पिता भी है जिम्मेदार?
सोशल मीडिया पर फेम पाने के लिए आज के युवा किसी भी हद तक चले जाते है। भले ही इसमें उनकी जान पर ही क्यों न बन आए। युवा ही नही माता पिता भी फेम और पैसे के चक्कर में छोटे छोटे बच्चो से स्टंट करवाकर सुर्खिया तो बटोर लेते है पर क्या यह सब सुरक्षित है।जवाब है नही जनाब।
आए दिन हम देखते है 18 से 19 साल के बच्चे बाइक पर स्टंट करते दिखते है। कई कपाल बाइक पर बाहों में बाहें डाले किस करते वीडियो बनाते है। ये सब करते समय हम ना सिर्फ ट्रैफिक नियमों का उलंघन करते है बल्कि अपनी और अपने आसपास के लोगों की जान को भी खतरे में डालते है। तो आज हम इस स्टोरी में ऐसे ही कुछ हादसे के बारे में बताने जा रहे है जिनमे लोगो ने शौक शौक में अपनी जान गवा दी।
अगस्त्य की मौत से ले सबक
मूल रूप से देहरादून का बाइक राइडर अगस्त्य चौहान (22) प्रो-राइडर 1000 नाम से यू-ट्यूब चैनल चलाता था। जिसके कई लाख फॉलोअर्स भी हैं। साथ में वह पंजा कुश्ती की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का भी चैंपियन बना था। 3 मई को यमुना एक्सप्रेस वे के माइलस्टोन नंबर-47 पर यू-ट्यूबर अगस्त्य चौहान की हादसे में मौत हो गई थी। अब ये हादसा है हत्या इसबारे में अब तक कोई खास सबूत सामने नही आए पर।
एक हाइवे पर जहा बाइक की स्पीड नियमों के अनुसार होनी चाहिए वहां अगस्त्य 294 की स्पीड से बाइक चला रहा था।अगस्त्य के इस स्पीड को लेकर पागलपन के बारे में उसके घरवालों पता तो था ही। उसके वीडियो देखने वालों में भला वो भी तो शामिल थे। तो क्या एक माता पिता होने के नाते उनका फर्ज नही था की वे अपने बेटे को स्पीड कंट्रोल में रखने तो नियमों के पालन करने की सलाह नही दे सकते थे।
बढ़ते जा रहे है हादसे
ये पहला हादसा नहीं है ऐसे कई हादसे इससे पहले भी हो चुके है । युटुब ऐसे वीडियो से भरे पड़े है जहा रेलवे की पटरी पर या बाइक पर युटुबर वीडियो बनाते नजर आ जाते है। आसानी से पैसा कमाने का यह फितूर उनके साथ कइयों को ले डूबता है।
अगस्त्य से पहले 2016 में हॉग रानी के नाम से प्रसिद्ध वीनू पालीवाल की भी बाइकिंग के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल से 100 मीटर दूर ग्यारसपुर में रोड हादसे में मौत हो गई थी। तो अगली बार जब आप अपने बच्चे के हाथ में बाइक दे तो उन्हे न सिर्फ ट्रैफिक नियमों की जानकारी दे बल्कि उनपार नजर भी रखे। वरना इसका परिमाण बहूत बुरा हो सकता है।