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कर्नाटक की हार से सबक लेकर बीजेपी बदल रही है अपनी रणनीति, स्थानिक नेताओ और मुद्दों पर होगा फोकस।

कर्नाटक की हार से सबक लेकर बीजेपी बदल रही है अपनी रणनीति, स्थानिक नेताओ और मुद्दों पर होगा फोकस।
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जिसतरह हार को मुंह देखना पड़ा। उसके बाद आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी रणनीति को बदलने की तयारी में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आने वाले विधानसभा चुनावों में केंद्र के चेहरे पर चुनाव लडने के बजाए राज्य के बड़े नेताओं को सामने लाने की कोशिश की जानी है। इसी को देखते हुए इस वर्ष होने वाले राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में वहा के प्रमुख चेहरों को सामने रखा जायेगा।

साथ ही वहा के मुद्दों पर उसी राज्य के नेताओ से बात कर एज की रणनीति रची जायेगी।निजी लिए राजस्थान में वसुंधरा राजे, मध्यप्रदेश में मामाजी यानी शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को फ्रंट लाइन में लाने की तयारी चल रही है।

स्थानिक नेताओ को मिलेगी तवज्जू

राजनीतिक विश्लेषक कर्नाटक में बीजेपी की हार को वसुंधरा राजे को राहत के तौर पर मान रहे हैं। जेपी नड्डा का 24 औऱ 25 मई को राजस्थान का दौर है। सूत्रों के अनुसार जेपी नड्डा के राजस्थान दौरे को इसी कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान बदली हुई रणनीति के तहत वसुंधरा राजे के चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ सकता है।

जानकारों का कहना है कि कर्नाटक की हार से सबक लेते हुए बीजेपी अब स्थानीय नेताओं को तरजीह देने की रणनीति पर मंथन कर रही है। माना जा रहा है कि चुनाव में पीएम मोदी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा तो होंगे, लेकिन इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मजबूत स्थिति के साथ सामने रखा जाएगा। कर्नाटक चुनाव में स्थानीय नेताओं की अनदेखी करने का खामियाजा पार्टी ने इस चुनाव में उठाया है । जिससे सबक लेकर आगे के चुनावों की रणनीति रची जा रही है।

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