नोटबंदी को सात साल पूरे हो गए है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर केंद्र को घेरते हुए कहा, भारतीय अभी भी नोटबंदी के घाव को झेल रहे हैं। इस कदम से छोटे व्यवसाय बंद हो गए, लोगों की नौकरियां चली गई। खरगे ने कहा, करोड़ों लोगों को नोटबंदी के कारण अपने ही पैसे के इंतजार में लाइनों में खड़ा होना पड़ा। खरगे ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, 86.4 प्रतिशत नोटों को बंद किए बिना हम कैशलेस इकोनॉमी क्यों नहीं बन सके।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी 2016 के केंद्र के नोटबंदी के फैसले की निंदा की। उन्होंने कहा, यह एक फीसदी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए 99 फीसदी आम भारतीयों पर हमला है। राहुल गांधी ने नोटबंदी के कदम को रोजगार खत्म करने , श्रमिकों की आय रोकने, छोटे व्यवसायों को खत्म करने, किसानों को नुकसान पहुंचाने और असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ने की एक सोची समझी साजिश करार दिया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि विमुद्रीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी। नोटबंदी जल्दबाजी में लागू की गई थी। जीएसटी ने भारत के रोजगार पैदा करने वाले छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया। 45 साल की बेरोजगारी को चरम पर पहुंचा दिया और 2013 में शुरू हुई आर्थिक सुधार को समाप्त कर दिया।