शिकंजा: गैंगस्टरों के खिलाफ एनआईए की बड़ी कार्रवाई, छह राज्यों की 50 जगहों पर छापेमारी जारी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर और खलिस्तानी-आतंकियों के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए देश के कई राज्यों में छापेमारी की। गैंगस्टरों की तलाश में एनआईए ने दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड के करीब 50 इलाकों में छापेमारी की है। एनआईए ने यह कदम आतंकवादियों और ड्रग्स डीलर्ज के बीच साठगांठ को खत्म करने के मकसद से उठाई है। दरअसल, भारत में बैठे आतंकी मददगार विदेशों में रहे रहे आतंकियों और गैंगस्टरों को हवाला चैनल के माध्यम से हथियार और ड्रग्स की सप्लाई करते हैं।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत अन्य राज्यों के 50 इलाकों में छापेमारी
एनआईए ने पंजाब के 30 इलाकों में छापेमारी की है, तो वहीं राजस्थान में 13, हरियाणा में 4, उत्तराखंड में 2, दिल्ली-NCR और यूपी में 1-1 जगह छापेमारी चल रही है। एनआईए ने खालिस्तान-आईएसआई और गैंगस्टर नेक्सस के खिलाफ कई सारे सबुत इकट्ठा किए हैं। कई गैंगस्टरों से पूछताछ के दौरान भी यह सामने आया है कि वह नेक्सस का इस्तेमाल टेटर फंडिंग, हथियार सप्लाई और विदेशों से देशी विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं।
राजस्थान और उत्तराखंड में छापेमारी जारी
एनआईए की टीम फिलहाल राजस्थान के गंगासागर जुले के सूरतगढ़ और रजियासर में छापेमारी कर रही है। सूरतगढ़ में एक छात्र नेता के आवास पर छापा मारा गया है। इससे पहले 21 सितंबर को एजेंसी ने भगौड़े गोल्डी बरार से जुड़े पंजाब और हरियाणा के 100 से भी ज्यादा इलाकों में छापेमारी की। गोल्डी बरार एनआईए की लिस्ट में एक नामित गैंगस्टरों में से एक है। वहीं बुधवार को एनआईए ने पंजाब के मोगा जिले के तख्तूपुरा गांव में एक शराब ठेकेदार के घर पर छापेमारी की। इसके अलावा एजेंसी ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के बाजपुर थाना क्षेत्र में एक गन हाउस पर भी छापा मारा, जहां वह हथियारों की जांच कर रही है।
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निज्जर की हत्या के बाद उठाया ये कदम
एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब कनाडा में खलिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि उनकी हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें कनाडाई नागरिक बताते हुए भारत पर हत्या का आरोप लगाया था। इस दौरान उन्होंने कनाडा से भारतीय राजनयिक को भी बाहर कर दिया। इसके जवाब में भारत ने में दिल्ली से कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया और कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा भी रोक दी।