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विदेशी फंडिंग वाले चार हजार से अधिक मदरसों पर होगी कानूनी कार्रवाई, पिछले साल के सर्वे में 8441 अवैध पाए गए थे।
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सरकार ने राज्य में अवैध मदरसों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। चार हजार से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी है। इन मदरसों में विदेशी फंडिंग हो रही है। बताया जा रहा है कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद यह कार्रवाई की जाएगी।
इस बाबत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के आला अधिकारियों से चर्चा की है. पिछले साल राज्य सरकार ने राज्य में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे किया था। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बैठक हुई. 12 बिंदुओं पर हुए सर्वे में एक अहम बात यह भी रही कि मदरसों की आय का स्रोत क्या है?
सर्वे में 8441 ऐसे मदरसे पाए गए जो अवैध रूप से चल रहे थे। उनकी पहचान नहीं हो पाई थी। खासकर यूपी-नेपाल बॉर्डर के जिलों में इस तरह के मदरसों का जाल पाया गया। सिद्धार्थ नगर में 500 से अधिक, बलरामपुर में 400 से अधिक, लखीमपुर खीरी में 200, महराजगंज में 60, बहराइच और श्रावस्ती में 400 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे पाए गए।
हालांकि इनमें से ज्यादातर मदरसा संचालकों ने बताया कि उनके मदरसे दान और जकात से चल रहे हैं, लेकिन चार हजार से ज्यादा मदरसों में विदेशी चंदा सामने आया है. दरअसल, मदरसा संचालकों ने बताया कि उन्हें मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद समेत कई महानगरों से फंड मिलता है, लेकिन सामने आ रहा है कि इन शहरों के जरिए यहां सऊदी अरब और दूसरे देशों से पैसा आता है.
खासकर दुबई के बहुत से लोग यहां पैसे भेजते हैं। नेपाल और बांग्लादेश से पैसा आने का मामला भी सामने आया है। इसे चंदा कहा जा रहा है। यह चंदा सरकार के राडार पर आ गया है। साथ ही मदरसा संचालक इस चंदे के सही दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करा पाए हैं.
हालांकि सरकार मानकों को पूरा करने वाले मदरसों को मान्यता देने की बात भी कह रही है, लेकिन पहले उन मदरसों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो विदेशी फंडिंग से अवैध मदरसे चला रहे हैं. इस समय मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं जो इसी महीने खत्म हो जाएंगी। उसके बाद ऐसे मदरसों पर कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
सरकार चाहती है कि अल्पसंख्यक बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिले। हम उन्हें आधुनिक शिक्षा मुहैया कराना चाहते हैं। कम्प्यूटर से जुड़ रहे हैं, लेकिन अब भी कई मदरसों को विदेशों से फंडिंग मिलती है। अल्पसंख्यक बच्चों की गरीबी का फायदा उठाते हैं और उन्हें बाहर निकालते हैं जिसके माध्यम से बच्चे संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होते हैं। इस तरह की फंडिंग कई मदरसों में सामने आई है। पुलिस के आला अधिकारियों से भी बातचीत की गई है। जांच के बाद ऐसे मदरसों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी -