स्वतंत्रता दिवस, भारतीयों के लिए एक गर्वपूर्ण और महत्वपूर्ण दिन है, जिसमें वे अपने देश की आजादी की खोज में किए गए बलिदानों को याद करते हैं। इस दिन कई ऐतिहासिक और दिलचस्प तथ्य हैं जिन्हें जानना आपके ज्ञान को और भी गहरा बना सकता है।
महात्मा गांधी की अहम भूमिका: स्वतंत्रता संग्राम का नेता महात्मा गांधी ने असहमति के बावजूद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को असहमति के बिना भी एक एकत्रित आंदोलन बनाया। उन्होंने असहमति के आंदोलनों के अनुसार अपने प्रिय खिलाफ अनशन पर बैठकर सत्याग्रह किया।
स्वतंत्रता संग्राम की सबसे लंबी स्थायी आंदोलन: नाला मोहम्मदुं को वीरेन्द्र पटिल ने नाथूराम गोडसे की गोली मारने से पहले गिरफ्तार किया था, जिसने इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की आग को बढ़ावा दिया था।
दिल्ली में पहली तिरंगा झंडा रोहतक से आया था: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय, पहले तिरंगा झंडे को 13 अगस्त 1947 को दिल्ली के रेड फोर्ट पर लहराया गया था। लेकिन रोहतक से यह झंडा आया था, जिसे अब हरियाणा राज्य में स्थापित 'तिरंगा चौक' में देखा जा सकता है।
हिंदूस्तानी घरानों की भागीदारी: स्वतंत्रता संग्राम में महिलाएं भी अपनी भागीदारी निभा रही थीं। किताबों में कहानियां तो महान महिला सेनानियों की है, लेकिन आम जनता में भी महिलाएं अपने योगदान से स्वतंत्रता संग्राम को सशक्ति देने में सक्रिय थीं।
ट्रांसिस्टर रेडियो की महत्वपूर्ण भूमिका: स्वतंत्रता संग्राम के समय, ट्रांसिस्टर रेडियो ने जनमानस को जागरूक किया और स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी और संगठन को बढ़ावा दिया। यह एक महत्वपूर्ण संचार माध्यम बन गया था जिसने लोगों को गैर-सहायता में बिना सरकारी प्रतिबंध के जानकारी प्रदान की।
आजाद हिंद रेडियो का पहला प्रसारण: 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तो उसी दिन रेडियो पर पहला प्रसारण हुआ था, जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली आजादी दिवस भाषण दिया था।
स्वतंत्रता संग्राम के समय की आवाजें: स्वतंत्रता संग्राम के समय, रेडियो और समाचार पत्रिकाएं ही एकमात्र माध्यम नहीं थे जो लोगों को समाचार पहुंचाते थे। लोगों ने गाँव और शहरों में स्वतंत्रता संग्राम की आवाजें उठाई, जैसे कि कुएं, चौराहों, मंदिरों आदि में रेडियो की मदद से बनाए गए स्पेकर सिस्टम के माध्यम से।
अंग्रेजों ने स्वतंत्रता दिवस को 'ब्लैक डे' कहा था: स्वतंत्रता संग्राम के समय, ब्रिटिश शासकों ने स्वतंत्रता दिवस को 'ब्लैक डे' के नाम से पुकारा था, क्योंकि उनके लिए यह एक दुखद और संकेतपूर्ण दिन था। देशभक्ति संगीतों का महत्व: स्वतंत्रता संग्राम के समय गाये गए देशभक्ति संगीत आज भी हमारे दिलों में बसे हैं। "वन्दे मातरम्", "रघुपति राघव राजा राम", "सारे जहाँ से अच्छा" आदि इनमें से कुछ हैं।
स्वतंत्रता सेनानीयों की आजीवन पेंशन: भारत सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों की आर्थिक मदद के लिए आजीवन पेंशन योजनाएं चलाई हैं। ये पेंशन उन सभी वीरों और उनके परिवारों के लिए है जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था।
निष्कर्ष:स्वतंत्रता दिवस के इन रोचक तथ्यों से हम अपने देश के महान स्वतंत्रता संग्राम के बारे में और भी अधिक जान सकते हैं। यह तथ्य हमें यह सिखाते हैं कि हमारे पूर्वजों ने किस प्रकार से संघर्ष किया और आज़ादी पाई, और हमें भी उनके संघर्षों का सम्मान करना चाहिए।