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12 नवंबर को रिलीज हुई है यश राज फिल्म्स स्पाई यूनिवर्स की पांचवीं और उनकी सबसे बड़ी फिल्म टाइगर 3, अब यह फिल्म कैसी हैं इसके बारे में बात करते हैं :अभीष्ट चतुर्वेदी
कहानी यह है कि रॉ एजेंट टाइगर अपने एक पुराने दोस्त और एजेंट गोपी को तालिबानियों से बचाते हैं लेकिन गोपी को भारत लाते वक्त ही बुरी तरह घायल होने की वजह से उसकी मौत होजाती है। मरने से पहले गोपी टाइगर को बताते हैं की एक नया आउटफिट पाकिस्तान में बना हैं जो भारत के खिलाफ कुछ बहुत खतरनाक प्लान कर रहें हैं। एक डबल एजेंट भी उस आउटफिट की मदद कर रही हैं और वो और कोई नही टाइगर की बीवी पाकिस्तानी एजेंट जोया हैं। इसे सुनकर टाइगर बहुत हैरान होजाते हैं और पता लगाते हैं को जोया यह सब क्यों कर रही हैं। अब टाइगर लगा पाते है की नही की जोया यह सब क्यों कर रहीं है और पाकिस्तानी आउटफिट भारत के खिलाफ क्या करना चाह रही है उसके लिए आपको ये फिल्म देखनी पड़ेगी ।
इस फिल्म की कहानी लिखी हैं खुद इस फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा ने और इसका स्क्रीनप्ले लिखा है श्रीधर राघवन ने, जिन्होंने इससे पहले पठान और वॉर का भी स्क्रीनप्ले लिखा था। अगर कहानी की बात करें तो कहानी में कुछ नवीनता नहीं है वैसी ही कहानी है जो स्पाई एक्शन थ्रिलर फिल्म्स की होती हैं, श्रीधर राघवन का स्क्रीनप्ले इस बार का बहुत ही गड़बड़ है । फिल्म का पहला भाग में दर्शकों को बहुत बोरियत भी महसूस होसकती है और कुछ चीजे आपको पिछली फिल्म पठान से भी मिलती जुलती मिलेगी, फिल्म का दूसरा भाग दर्शकों को बांधने की फिर भी कोशिश करता है लेकिन क्लाइमैक्स में जो चीज करने की कोशिश की गई है उससे आजके माहौल में दर्शक बिलकुल भी रिलेट ना करपाए और फिल्म में ऐसे मोमेंटस है नही जिसे देखकर दर्शक ताली और सीटियां मारे जिसकी ऐसे प्रकार की फिल्म में बहुत ज़्यादा ज़रूरत होती हैं। फिल्म के दूसरे भाग में 2 बहुत बड़े किरदार आते हैं जिनके आने पर दर्शक बहुत ज़्यादा खुश होजाएंगी और बहुत सीटियां और तालियां बजाएंगी।
मनीष शर्मा ने इस फिल्म का निर्देशन किया हैं लेकिन कहानी के हिसाब से उन्होंने अच्छा निर्देशन किया हैं। उन्होंने अपने हर करकार से बहुत बढ़िया काम करवाया हैं लेकिन वो अपने मुख्य किरदारो को बहुत ही ग्रैंड और लार्जर देन लाइफ तरीके से पेश नही करपाए जोकि निर्दशक सिद्धार्थ आनंद ने पठान और वॉर में बहुत बढ़िया तरीके से करके दिखाया था।
अगर एक्टिंग परफॉर्मेंस की बात करे सलमान खान ने टाईगर के किरदार को बहुत ही अच्छे से निभाया है दर्शकों को उन्हे देखकर बहुत खुशी होगी।कटरीना कैफ ने भी अपने जोया के किरदार बहुत अच्छे से निभाया है, इमरान हाशमी इस फिल्म के मेन विलन बने हैं उन्होंने भी अपने किरदार को अच्छे से निभाया हैं लेकिन जो जॉन अब्राहम ने पठान में बहुत शानदार एक्टिंग विलन के किरदार में की थी उससे आगे इमरान हाशमी की एक्टिंग जा नही पाई जिससे दर्शक बहुत निराश होगी। सपोर्टिंग कास्ट कुमुद मिश्रा, रेवथी, अनंत विधात शर्मा, गेवी चहल, दानिश भट, विशाल जेठवा, चंद्रचूर राय, सरताज कक्कड़ इन सभी ने अपने अपने किरदारों को बहुत अच्छे से निभाया है।
एडिटिंग इस फिल्म की बहुत बेकार हैं, काफी जगह आपको लगता है की कहानी को फालतू में बहुत ज़्यादा खींचा जा रहा हो फिल्म और कट सकती थी।
अनय गोस्वामी ने इस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी की है और उन्होंने बहुत शानदार किया है। उन्होंने फिल्म को ऐसे तरीके से शूट किया है कि आपको लगता है आप एक बड़ी हॉलीवुड फिल्म देख रहे हो।
फ्रांस स्पिल्हौज, ओ सी यंग, सुनील रोड्रिग्ज इस फिल्म के एक्शन कोरियोग्राफर्स हैं और उन्होंने इस फिल्म के एक्शन पर बहुत बढ़िया तरीकेँ से काम किया है।
यशराज फिल्म्स की ही विजुअल इफेक्ट्स टीम वाईएफएक्स ने इस फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स पर काम किया हैं और उनकी पिछली फिल्म्स के मुकाबले इस फिल्म में उन्होंने बहत बढ़िया काम किया है।
इस फिल्म का संगीत बहुत कमजोर है जबकि पिछली टाईगर के दोनो पार्ट्स में बहुत अच्छा संगीत था।
तो टाइगर 3 कुल मिलाकर एक औसत फिल्म हैं और स्पाई यूनिवर्स की सबसे कमजोर फिल्म है जिसे आप खाली सलमान खान की बढ़िया एक्टिंग और बढ़िया एक्शन सींस की वजह से ही देख सकते हैं। अगर आप उम्मीद कर रहे हैं कि आपको इसमें भी बहुत टाइगर के पिछले 2 पार्ट्स की तरह बहुत बढ़िया कहानी मिलेगी तो आपको यह फिल्म बहुत ज्यादा निराश करेगी।
अभीष्ट चतुर्वेदी