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मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT platform) एक बहुत ही सुविधाजनक माध्यम है। साथ ही हर किसी के पसंद का विषय बन चुका है। पर इन सबके बावजूद इस प्लेटफार्म पर जिस तरह के कॉन्टेंट दर्शकों को परोसा जा रहा है। उस पर हर स्तर पर विरोध भी हो रहा है। इसी मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT platform) के सभी प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने उन सभी प्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए बताया कि क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर भारतीय संस्कृति और समाज का अपमान नहीं करना चाहिए।
भारतीय धर्म और परंपराओं को खराब तरीके से दिखाने के कई आरोप ओटीटी प्लेटफार्म (OTT platform) पर हो रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे सीन दिखाए जाते हैं जो परिवार के सभी लोग साथ बैठकर देख भी नहीं सकते। ऐसे में टीवी एक ऐसा माध्यम है जो पूरा परिवार बैठकर देखता है और उसके बावजूद अगर इस तरह से ओटीटी जैसे प्लेटफार्म का गलत इस्तेमाल होगा तो सरकार इस पर विचार करेगी। यह बैठक कल यानी मंगलवार 18 जुलाई को हुई थी। इस बैठक में अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur)ने ओटीटी प्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये मनोरंजन के नियमों का उल्लंघन बार-बार होता रहा तो उन्हें मजबूरन ओटीपी द्वारा उल्लंघन के लिए सजा का प्रावधान तय करना पड़ेगा।
साथ ही देश भर से आ रही शिकायतों का निवारण करने के लिए एक तंत्र भी मजबूत करना होगा। 2020 के कोविड के बाद से ही अधिकतर लोगों ओटीटी का इस्तेमाल करने लगा है। और यह प्लेटफार्म जो टीवी और मोबाइल फोन दोनों पर यह आसानी से अवेलेबल हैं। और काफी आसानी से कहीं पर देखा जा सकता है। इस कारण ऐसे कई कार्यक्रम है जिन्हे माता पिता की निगरानी में ही बच्चे देख सकते है वह भी बच्चे देख लेते है। इस प्लेटफॉर्म पर ऐसे कार्यक्रम भी दिखाई जा रहे हैं जो सेंसर नहीं होते। इन्हीं कारणों से creativity freedom के नाम पर काफी संवेदनशील मुद्दों को भी काफी संवेदनशील तरीके से दिखाया जा रहा है। हर शो में एक गे या लैसबियन कपल दिखाया ही जा रहा है।
इसके अलावा कई धार्मिक विवादित मुद्दों पर भी कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं। बता दें कि कल से मॉनसून सत्र (Monsoon Session) होने शुरू होने जा रहा है इस सत्र में सिनेमैटोग्राफी बिल के पास होने की उम्मीद है। इसमें डिजिटल चोरी को रोकने, अवैध रूप से कॉपीराइट कंटेंट दिखाने वालों पर सख्त एक्शन लेने के प्रावधान है। तो कहीं ना कहीं जो कुछ भी दिखाया जा रहा है उसे सेंसर करने की जरूरत केंद्र सरकार को भी महसूस होने लगी है।