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आर्य समाज कविनगर का त्रिदिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव धूमधाम से सम्पन्न
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-वीर ही वसुंधरा के सुख को भोगते हैं - ठाकुर विक्रम सिंह
-युवा आर्य समाज की विचारधारा से जुड़कर मानव मात्र के उत्थान के लिए कार्य करें - डा. आयुषी राणा
-पंच महायज्ञों को अपनाकर चहुं ओर सुखों से परिपूर्ण हो सकते हैं - डा. वेदपाल
आर्य समाज कविनगर का त्रिदिवसीय स्वर्ण जयन्ती महोत्सव धूमधाम से सम्पन्न हुआ। आचार्य प्रमोद शास्त्री के ब्राह्मत्व में महायज्ञ संपन्न हुआ। मुख्य यज्ञमान श्रीमती ईषिता गोयल और रचित गोयल, श्रीमती शुभा गौतम और अमित गौतम रहे। यज्ञोपरांत आचार्य जी ने यज्ञमानों को आशीर्वाद दिया और सुखी जीवन की प्रभु से प्रार्थना की। मुख्य अतिथि आर्य नेता ठाकुर विक्रम सिंह ने युवा शक्ति और चरित्र निर्माण पर विस्तृत चर्चा करते हुए आर्यों को एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि "वीर ही वसुंधरा के सुख को भोगते हैं, अतः यज्ञ योग करो, देसी गाय का दूध पियो, गौशाला खोलो, गाय की रक्षा करो, वीर बनो।
मुख्य वक्ता डा. वेदपाल ने बताया कि हमारी प्राचीन गुरुकुलीय शिक्षा बहुत उच्च कोटि की थी, लेकिन महाभारत काल में इसमें गिरावट आई। राजकुमारों को गुरुकुलों में ना भेजकर गुरुओं को राजमहल में बुलाकर शिक्षा दी जाने लगी, जिससे प्रजा के बच्चों में हीन भावना पैदा हुई। जबकि गुरुकुलों में अमीर-गरीब सभी के लिए समान शिक्षा की व्यवस्था थी। इसमें पंच महायज्ञ, माता-पिता का सम्मान, राष्ट्रभक्ति, जितेंद्रियता आदि गुण आते थे, वास्तव में यही शिक्षा थी, जो वर्तमान शिक्षा में नहीं है। पंच महायज्ञों की जानकारी वैदिक शिक्षा में है, जिसे अपनाकर हम चहुं ओर सुखों से परिपूर्ण हो सकते हैं।
आर्य समाज के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्योगपति मनोज सिंह चौहान प्रथम बार आए और उन्होंने आर्य समाज की विचारधारा को सुनकर संकल्प लिया कि वह महर्षि दयानंद के सिद्धांतों और मन्तव्यों को अपने जीवन में उतारेंगे और उनके सिद्धांतों और मन्तव्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपने पैतृक स्थल बिजनौर में गुरुकुल खोलेंगे।
डा. आयुषी राणा ने कहा कि आपने तीन दिनों में अहर्निश आर्य समाज के उत्सव में रहकर जो सुना है, उसे अपने व्यवहार में लाकर अंधविश्वास के डर को दूर भगाकर 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना को जीवन में साक्षात करते हुए राष्ट्र हित में एकजुट होकर राष्ट्र की अवधारणा को मजबूत करते हुए राष्ट्र की उन्नति के लिए कार्य करें। चरित्रवान बनकर अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करें और आर्य समाज की विचारधारा से जुड़कर मानव मात्र के उत्थान के लिए कार्य करें। सत्यार्थ प्रकाश सम्मेलन में आचार्य आदित्य, अंकित वर्मा, सत्य केतु सिंह एडवोकेट, बृजपाल गुप्ता आदि ने भी अपने विचार रखे, तथा चित्रकूट के एसडीएम जागरत्न आर्य का भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से आर्य केंद्रीय सभा के महामंत्री नरेंद्र पांचाल एवं सर्वश्री श्रद्धानंद शर्मा, मोतीलाल गर्ग, उषा गर्ग, ऋतु गौतम, प्रवेश गौतम, सुभाष शर्मा, चौधरी मंगल सिंह, योगी प्रवीण आर्य, यज्ञवीर चौहान, ममता चौहान, डा. प्रमोद सक्सेना, हरवीर सिंह, सत्य पॉल आर्य, आशा रानी आर्य, सुमन चौहान आदि उपस्थित रहे। मंच का कुशल संचालन यशस्वी मंत्री लक्ष्मण सिंह चौहान ने किया। समाज के प्रधान वीके धामा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। शांतिपाठ एवं ऋषि लंगर के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।