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Health

HMPV वायरस के 13 मामले आए सामने,राजस्थान में 6 माह की बच्ची संक्रमित

Nandani Shukla
10 Jan 2025 4:20 PM IST
HMPV वायरस के 13 मामले आए सामने,राजस्थान में 6 माह की बच्ची संक्रमित
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के देश में कुल 13 मामले सामने आ चुके हैं। शुक्रवार को राजस्थान के बारां से एक पॉजिटिव केस मिला है, जिसमें एक 6 महीने की बच्ची HMPV से संक्रमित पाई गई है। इससे पहले गुरुवार को 3 केस मिले थे, जिनमें लखनऊ में 60 साल की महिला, गुजरात के अहमदाबाद में 80 साल का बुजुर्ग और हिम्मतनगर में 7 साल का बच्चा शामिल हैं। तीनों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा, महाराष्ट्र और गुजरात में 3-3, कर्नाटक और तमिलनाडु में 2-2, पश्चिम बंगाल और यूपी में एक-एक केस सामने आए थे।

HMPV केस बढ़ने के कारण अब राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है। पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है, जबकि गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग को HMPV के मामलों पर निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं।

HMPV के 13 केस

  • पहला (6 जनवरी) - कर्नाटक: 8 महीने का बच्चा
  • दूसरा (6 जनवरी) - कर्नाटक: 3 महीने की बच्ची
  • तीसरा (6 जनवरी) - गुजरात: 2 महीने का बच्चा
  • चौथा (6 जनवरी) - बंगाल: 5 महीने का बच्चा
  • पांचवां (6 जनवरी) - तमिलनाडु: 69 साल का पुरुष
  • छठा (6 जनवरी) - चेन्नई: 45 साल का पुरुष
  • सातवां (7 जनवरी) - नागपुर: 13 साल की बच्ची
  • आठवां (7 जनवरी) - नागपुर: 7 साल का बच्चा
  • नौवां (8 जनवरी) - मुंबई: 6 महीने की बच्ची
  • 10वां (9 जनवरी) - यूपी: 60 साल की महिला
  • 11वां (9 जनवरी) - गुजरात: 8 साल का बच्चा
  • 12वां (9 जनवरी) - गुजरात: 80 साल का पुरुष
  • 13वां (10 जनवरी) - राजस्थान: 6 महीने की बच्ची

छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित

HMPV संक्रमण होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है, विशेष रूप से 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर। केंद्र ने राज्यों को 'इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस' और 'एसीयूट रेस्पिरेट्री इश्यूज' जैसी सांस की बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और HMPV के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी है।

स्वास्थ्य मंत्री नड्डा बोले - HMPV कोई नया वायरस नहीं

विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान पहली बार 2001 में हुई थी, और बाद में यह दुनिया में फैल गया। यह वायरस सांस के माध्यम से फैलता है और सभी आयु समूहों को प्रभावित कर सकता है। WHO इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही रिपोर्ट शेयर की जाएगी।

केंद्र सरकार का बयान: सर्दी में HMPV संक्रमण सामान्य है। चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच आपातकालीन स्थिति की आशंका जताई गई थी, लेकिन भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक के बाद कहा था कि सर्दी के मौसम में फ्लू जैसी स्थिति असामान्य नहीं है।

क्या करें

  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।
  • हाथों को साबुन और पानी या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से धोएं।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
  • बुखार, खांसी और छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।
  • संक्रमण को कम करने के लिए कमरे में वेंटिलेशन की व्यवस्था करें।
  • बीमार होने पर घर पर रहें और दूसरों से न मिलें।
  • खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।

क्या न करें

  • टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल न करें।
  • बीमार लोगों के साथ नजदीकी संपर्क न बनाएं और उनके तौलिये का इस्तेमाल न करें।
  • बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें।
  • चिकित्सक से परामर्श किए बिना दवा न लें।

AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है और आमतौर पर यह वायरस अपने आप ठीक हो जाता है। इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स से मदद नहीं मिल सकती। उन्होंने लोगों को ज्यादा पानी पीने और पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने को कहा।

अमेरिकी राज्य टेक्सास के डलास में Covid RxExchange के फाउंडर और चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. शशांक हेडा ने कहा कि मीडिया इस वायरस को लेकर ज्यादा चिंता पैदा कर रहा है, जबकि आंकड़े बताते हैं कि अस्पतालों में बढ़ते मामलों का कारण केवल HMPV नहीं है, बल्कि कई अन्य वायरल संक्रमण भी हैं। HMPV जैसे वायरस आमतौर पर इस मौसम में अस्थायी रूप से फैलते हैं और कुछ समय बाद इन मामलों में स्वाभाविक रूप से गिरावट आ जाती है।

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