- Home
- /
- हेल्थ एंड फिटनेस
- /
- डेंगू बुखार- कारण,...
डेंगू कब जानलेवा होता है?
प्लेटलेट कैसे बढ़ाएं?
कब पड़ती है प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता? इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानिए।
डेंगू किस कारण होता है?
डेंगू वायरस द्वारा होता है ,आम भाषा में इस बीमारी को हड्डी तोड़ बुखार कहा जाता है क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है।
डेंगू फैलता कैसे हैं?
मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है इन मच्छरों को ‘एडीज मच्छर (धारीदार मच्छर)कहते हैं।
डेंगू बुखार के लक्षण: लक्षण इस बात पर निर्भर करेंगे कि डेंगू बुखार किस प्रकार का है डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं।
1. क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
2. डेंगू हमरेजिक बुखार (DHF)
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
क्लासिकल (साधारण)डेंगू बुखार एक स्वयं ठीक होने वाली बीमारी है तथा इससे मृत्यु नहीं होती है लेकिन DHF तथा DSS का तुरंत उपचार शुरू नहीं किया तो वह जानलेवा सिद्ध हो सकता है।
इसलिए यह पहचान अत्यंत महत्वपूर्ण है कि साधारण डेंगू बुखार है या DHF अथवा DSS, नीचे दिए गए लक्षणों से इसे पहचान में सहायता मिल सकती है।
1 क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
-ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना
-सर, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले भाग में दर्द होना
-अत्यधिक कमजोरी भूख में बेहद कमी और जी मचलना
-मुंह का स्वाद खराब होना
-गले में हल्का सा दर्द होना
-शरीर पर लाल rash/ ददोरे
2. डेंगू हेमोरेजिक बुखार DHF
यदि साधारण डेंगू बुखार के साथ-साथ नाक ,मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून आना, त्वचा में काले- नीले रंग का चिकत्ते पढ़ने लगे तो DHF होने का शक करना चाहिए।
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम DSS
इसमें साधारण बुखार के लक्षण के साथ रोगी होश खोने लगता है, उसकी नाड़ी और ब्लड प्रेशर भी काफी कम हो जाती है।
डेंगू बुखार के लिए जांच
-डेंगू NS1 एंटीजन टेस्ट
-डेंगू के लिए एंटीबॉडी टेस्ट (IgM.IgG)
-RT-PCR परीक्षण
उपचार
. स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह के अनुसार पेरासिटामोल की गोली लेकर बुखार को कम रखें।
. रोगी को डिस्प्रिन और एस्प्रिन कभी ना दें।
. यदि बुखार 102 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है तो बुखार को कम करने के लिए पानी की पट्टी लगाई।
. सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें।
. हाइड्रेशन: डेंगू बुखार से निपटने के दौरान हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है।
. डॉक्टर के संपर्क में रहे और यदि DHF, DSS के लक्षण दिखे तो अस्पताल में भर्ती हो जाए।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय
प्लेटलेट को बनने के लिए भरपूर मात्रा में पानी, प्रोटीन विटामिन B12 विटामिन C, फोलेट (Folate), आयरन (Iron) की आवश्यकता पड़ती है अतः इन सभी तत्व से युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें।
-घरेलू उपाए- पपीते के पत्ते का काढ़ा बनाकर पिएं (इसमें एसिटोजेनिन नामक फाइटोकेमिकल पाया जाता है, जो प्लेटलेट की संख्या को तेजी से बढ़ाने में कारगर है (कंट्रोवर्सिअल - इसके लिए पर्याप्त स्टडी उपलब्ध नहीं है।)
.विटामिन बी-12 - अंडे, दूध और पनीर
.विटामिन सी C-संतरा, आंवला, नींबू
.फोलेट - मूंगफली, राजमा, संतरे का रस
.आयरन - कद्दू के बीज, मसूर की दाल, मांस और फल
.बुखार को कम रखें
.पानी खूब पिए और
.खूब रेस्ट करें
प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता कब पड़ती है?
यह डॉक्टर डिसाइड करते हैं, परंतु साधारण जानकारी के लिए
-जब प्लेटलेट 20000 से कम हो जाए
-प्लेटलेट लगातार कम होता जा रहा हो जैसे 50k- 40k -30k
-ब्लीडिंग के लक्षण दिख रहे हो