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द आर्चीज की स्टारकास्ट को लेकर जोया पर नहीं उठने चाहिए सवाल, नेपोटिज्म पर खुलकर बोले जावेद अख्तर |

SaumyaV
27 Nov 2023 12:39 PM IST
द आर्चीज की स्टारकास्ट को लेकर जोया पर नहीं उठने चाहिए सवाल, नेपोटिज्म पर खुलकर बोले जावेद अख्तर |
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जोया अख्तर अपनी नई फिल्म 'द आर्चीज' को लेकर सुखियों में बनी हुई हैं। इस फिल्म में उन्होंने कई बड़े स्टार किड्स को कास्ट किया है। फिल्म के जरिए कई स्टार किड्स अपना बॉलीवुड डेब्यू करने के लिए तैयार हैं। हाल ही में एक बातचीत के दौरान जोया और उनके पिता जावेद अख्तर, गायक अंकुर तिवारी और डॉट ने फिल्म पर चर्चा की। फिल्म के बारे में बात करते हुए जावेद अख्तर ने नेपोटिज्म पर अपने विचार साझा किए।



हाला ही में एक कार्यक्रम के दौरान जावेद अख्तर ने 'द आर्चीज' की कास्टिंग के लिए जोया अख्तर के बारे में बात की और बताया किया कि फिल्में बनाते समय वे व्यक्तिगत जोखिम लेते हैं। उन्होंने कहा कि खासतौर पर जोया अपने पैसों से जोखिम उठा रही हैं। अगर, कुछ भी गलत होता है तो यह सरकारी धन या किसी अन्य उद्योगपति का पैसा दांव पर नहीं है, यह यह उनका अपना पैसा है। फिल्म का समर्थन करने वाले व्यक्ति के रूप में उन्हें बिना किसी पूछताछ के फिल्म के कलाकारों में अपनी इच्छानुसार किसी को भी शामिल करने का अधिकार है। उन्हें किसी को भी निशाने पर लेने का पूरा अधिकार है, उनसे सवाल नहीं किया जाना चाहिए। वे जोखिम ले रही हैं, यह उनका प्रोजेक्ट है और वे इसका समर्थन कर रही हैं।




उन्होंने आगे बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद पर चर्चा जारी है। उन्होंने कहा कि भाई-भतीजावाद वैश्विक स्तर पर मौजूद हो सकता है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में यह अलग है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में सफलता एक निष्पक्ष चुनाव की तरह है, व्यक्ति तभी सफल हो सकता है, जब दर्शकों द्वारा उसकी सराहना की जाए, इसलिए किसी को स्टारडम के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। सितारे दर्शकों द्वारा बनाए जाते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म के बारे में बात होती रहती है। नेपोटिज्म फिल्म इंडस्ट्री में हो ही नहीं सकता। दुनिया में हर जगह हो जाए, पर यहां नहीं हो सकता।

उन्होंने बताया कि नौकरशाही सेटिंग या एजेंसियों में भाई-भतीजावाद की संभावना अधिक होती है, जहां निचले पदों पर बैठे व्यक्तियों को नियुक्ति का अधिकार होता है। हालांकि, फिल्म उद्योग में यह भाई-भतीजावाद नहीं है, क्योंकि व्यक्ति व्यक्तिगत जोखिम ले रहे हैं और किसी और पर निर्भर नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'हर जगह नेपोटिज्म हो सकता है, लेकिन यहां नेपोटिज्म इसलिए नहीं है, क्योंकि आदमी यहां खुद खतरा ले रहा है। वो किसी और के कंधे पर बंदूक रखे हुए हैं।'

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