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मनोरंजन

तृषा के खिलाफ दायर मानहानि मुकदमे का मंसूर पर हुआ उल्टा असर, मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

SaumyaV
12 Dec 2023 8:31 AM GMT
तृषा के खिलाफ दायर मानहानि मुकदमे का मंसूर पर हुआ उल्टा असर, मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
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तृषा के साथ स्क्रीन साझा करने के बारे में साउथ अभिनेता मंसूर अली खान की अभद्र टिप्पणियों को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में, मंसूर ने तृषा ने माफी मांगी थी, लेकिन अब उन्होंने इस मामले में अपना यू-टर्न ले लिया है। वहीं, पिछले दिनों मंसूर ने अपने तेवर बदल लिए हैं। उन्होंने तृषा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इसे लेकर अब एक और ताजा खबर आई है। खबर है कि अभिनेता को मद्रास हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है। जानते हैं कि कोर्ट ने क्या कहा है।



मंसूर अली खान को मद्रास हाई कोर्ट की फटकार

बता दें कि अभिनेता मंसूर ने सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ दिए गए बयानों के लिए तृषा, चिरंजीवी और खुशबू सुंदर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। लेकिन ऐसा लग रहा है कि इसका उल्टा असर हुआ है। मद्रास उच्च न्यायालय ने तृषा, चिरंजीवी और खुशबू सुंदर से एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा मांगने पर अभिनेता मंसूर अली खान को फटकार लगाई है। अभिनेता ने आरोप लगाया कि तृषा पर उनके बयान की पुष्टि किए बिना तीनों ने सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ अपमानजनक बयान दिए है। इसके लिए अभिनेता की खिंचाई की गई।

तृषा के पक्ष में कोर्ट ने दिया बयान

न्यायमूर्ति एन सतीश कुमार ने आश्चर्य जताया कि तृषा के बजाय मंसूर ने मानहानि का मुकदमा क्यों किया था। अदालत ने सवाल किया, “क्या उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए ही बिना शर्त माफी मांगी थी? दरअसल, तृषा को क्षति के लिए मुकदमा दायर करना चाहिए था। इसके साथ ही अदालत ने उनके वकील से अनुरोध किया कि वे उन्हें सलाह दें कि सार्वजनिक रूप से जिम्मेदारी से कैसे कार्य किया जाए। न्यायाधीश ने तृषा, चिरंजीवी और खुशबू को भी मुकदमे पर जवाब देने का निर्देश दिया है।






इस वजह से शुरू हुआ विवाद

मंसूर ने दावा किया कि उन्होंने निजी तौर पर किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा है। उनकी याचिका में कहा गया है कि वे केवल उन नकारात्मक पहलुओं पर कमेंट कर रहे थे, जो उन्होंने अतीत में निभाए थे और उन्होंने जो कुछ सीन किए थे वे अब लोगों के सामने पेश करने लायक नहीं है। उन्होंने दोहराया कि उनके बयान में तृषा या किसी भी महिला के खिलाफ कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की गई थी। हालांकि न्यायाधीश ने लगातार विवादों में रहने के लिए मंसूर की आलोचना की।

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