Money Heist वेब सीरीज से सिख कर जालसाजों ने उड़ाए 1 करोड़ रूपये
फिल्म देख कर आपने लोगो को बहुत कुछ सीखते देखा होगा पर साइबर अपराधियों ने Money हेस्ट वेब सीरीज देख कर चोरी करने के उपाए सीखे।
नोएडा में लैपटॉप हैक कर दूसरा सिम निकलवाकर कारोबारी के खाते से एक करोड़ रुपये निकालने वाले दोनों साइबर अपराधियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है। आरोपी से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पता चला कि मेल में फोटो के साथ लिंक भेजकर उद्यमी का लैपटॉप हैक किया गया था। इसी लिंक से लैपटॉप पर रिमोट से की-लॉगर इंस्टॉल किया जाता था। ऐसा किया था गिरफ्तार आरोपी ऋषभ जैन ने जो दिल्ली का रहने वाला है और 7वीं पास है. इसके बाद जालसाजों ने बैंक खाते से लिंक मोबाइल नंबर का सिम बंद करवाकर ओटीपी हासिल करने के लिए दूसरा सिम चालू करवा लिया था।
आरोपियों से पूछताछ और पूछताछ में सामने आए तथ्यों की साइबर थाना पुलिस जांच कर रही है। डार्क वेब की दिशा में जांच ज्यादा आगे नहीं बढ़ पा रही है, लेकिन आरोपियों के पास से मिले 11 मोबाइल फोन से पुलिस को 15 व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप मिले हैं. इन समूहों की जांच जारी है. कारोबारी को जालसाजों ने कैसे निशाना बनाया, इस सवाल का जवाब भी लगभग सामने आ गया है. जिन 15 व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप पर ये आरोपी जुड़े थे, वे भी जालसाजों और साइबर अपराधियों के हैं. वहां पर कोड वर्ड में डीलिंग होती थी। पीड़ित के लिखने पर वे जालसाजों को बैंक खाते मुहैया कराते थे, जिससे ज्यादा लेनदेन होता था। उद्यमी का बैंक खाता, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर भी रुपये देकर आरोपियों ने खरीद लिया था। इसके बाद लैपटॉप को हैक कर दूसरा सिम निकलवाने का काम उसने खुद ही किया. पुलिस अब उन व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हुए अन्य अपराधियों की तलाश कर रही है.
अभी तक 28 घटनाओ को दे चुके है अंजाम
आरोपियों से पुलिस ने जालसाजी का पता लगाया, कानपुर और नोएडा निवासी रितेश चतुर्वेदी, न्यूज टुडे लाइव: वेब सीरीज मनी हाइस्ट, मेल में लिंक भेजकर कारोबारी के लैपटॉप से उड़ाए 1 करोड़, दिल्ली निवासी ऋषभ जैन बनारस से गिरफ्तार, उद्यमी के साथ साइबर अपराध की घटना का खुलासा . दोनों आरोपी मनी हाइस्ट वेब सीरीज से बेहद प्रभावित थे. रितेश चतुर्वेदी ने इस वेब सीरीज के किरदार का नाम प्रोफेसर अपनाया। पूछताछ में सामने आया है कि दोनों आरोपियों ने लैपटॉप का सिस्टम हैक कर दूसरा सिम कार्ड निकलवा लिया और पैसे ऐंठने की वारदातें कीं। इनमें से 12 मुंबई के और 16 मुंबई के सूरत के हैं। अब पुलिस इस क्राइम रिकॉर्ड की जांच स्थानीय पुलिस से कर रही है.