Begin typing your search above and press return to search.
कारोबार

एसबीआई रिसर्च का दावा: ब्याज दरें कम होने से बचत घटी, लोगों ने प्रॉपर्टी में किया निवेश

Abhay updhyay
21 Sep 2023 6:48 AM GMT
एसबीआई रिसर्च का दावा: ब्याज दरें कम होने से बचत घटी, लोगों ने प्रॉपर्टी में किया निवेश
x

कोरोना महामारी के दौरान रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर रखा था और इसमें कोई बदलाव नहीं किया था. जिसके चलते लोगों ने घरेलू बचत के बजाय प्रॉपर्टी में निवेश किया है। यह दावा एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में किया गया है. शोध के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में खुदरा ऋण का 55 प्रतिशत इस्तेमाल घर खरीदने, उच्च शिक्षा और वाहनों की खरीद के लिए किया गया है।

एसबीआई रिसर्च में घरेलू बचत कम होने का कारण बताया गया है

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक डेटा ऑन हाउसहोल्ड एसेट्स एंड लायबिलिटीज की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में लोगों की घरेलू बचत में गिरावट आई है और यह 50 साल के सबसे निचले स्तर पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान घरेलू बचत घटकर कुल जीडीपी का सिर्फ 5.1 प्रतिशत रह गई है, जबकि 2020-21 में यह 11.5 प्रतिशत और कोरोना महामारी से पहले 7.6 प्रतिशत थी। अब एसबीआई के ताजा शोध में इन खबरों को पूरी तरह से भ्रामक करार दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोग अब घरेलू बचत के बजाय अपना पैसा विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।

रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी भी बचत में कमी की वजह हो सकती है

एसबीआई शोध के अनुसार, आवास ऋण और घरेलू बचत का भौतिक संपत्तियों में निवेश से सीधा संबंध है। वित्तीय वर्ष 2011-12 में भौतिक संपत्तियों में निवेश घरेलू बचत का दो-तिहाई से अधिक था, लेकिन 2021-22 में यह गिरकर 48 प्रतिशत हो गया। अब इसमें फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है और वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 70 फीसदी हो गई है और इसके कारण वित्तीय परिसंपत्तियों में गिरावट आई है. एसबीआई की इस रिसर्च रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी और प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण यह बदलाव हुआ है.|

Abhay updhyay

Abhay updhyay

    Next Story