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नेटफ्लिक्स की सीरीज गंस & गुलाब्स बेहतरीन डार्क कॉमेडी है:अभीष्ट चतुर्वेदी

Prabha Dwivedi
21 Aug 2023 6:02 AM GMT
नेटफ्लिक्स की सीरीज गंस & गुलाब्स बेहतरीन डार्क कॉमेडी है:अभीष्ट चतुर्वेदी
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18 अगस्त के दिन नेटफ्लिक्स पर आई एक नई वेब सीरीज गंस & गुलाब्स अच्छी है या बुरी इसके बारे मे आज बात करेंगे.

कहानी 1990 के दशक में है; दो शहर है गुलाबगंज और शेरपुर जहां पर अफीम की खेती और उसका बहुत बड़ा कारोबार है जो दोनों शहर के माफिया गैंगस्टर्स चलाते हैं. वो दोनों शहर के गैंगस्टर्स और जनता की आपस में बहुत दुश्मनी है. एक दिन कोलकाता से बहुत बड़ी अफ़ीम की डील गुलाबगंज गैंग के पास आती है और शेरपुर गैंग वो डील गुलाबगंज गैंग से छीनना चाहते हैं. अब यह डील हो पाती है कि नहीं और अगर हो जाती है तो आखिर में कौन ये डील पूरी कर पाता है इसके लिए आपको ये सिरीज देखनी पड़ेगी.

इस सीरीज की स्क्रिप्ट राज निदिमोरू-कृष्णा डीके जो इस सीरीज के निर्देशक और निर्माता भी हैं और सुमन कुमार इन तीनो ने स्क्रिप्ट लिखी है और कहना पड़ेगा की ऐसी पुरानी घिसी पिटी कहानी को इस कहानी के आसपास के चल रहे सब प्लोट्स और कहानी के किरदार कैसे इस कहानी से मिलकर इस सीरीज को बहुत एंटरटैनिंग और दिलचस्प बना देती है, खासकर आखिरी एपिसोड जिसकी लिखाई तो बहुत ही ज़बरदस्त है. वजह यह है कि इस एपीसोड में सबसे ज्यादा ट्विस्ट एंड टर्न्स है जो दर्शको को हैरान कर देंगे. इसके डायलॉग्स सुमित अरोड़ा ने लिखे हैं और बहुत ही बढ़िया लिखे हैं. कुछ डायलॉग्स ऐसे हैं कि जिन्हें सुनकर दर्शकों का हँस हँसके पेट मे दर्द हो जाएगा.

राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने इस सीरीज का निर्देशन किया है. इससे पहले इन दोनों ने ऐमेज़ॉन प्राइम वीडियो की 2 मेगा हिट सीरीज- द फैमिली मैन और फर्जी का निर्देशन भी किया था. इन दोनों सीरीज के बाद इस बार भी राज और डीके ने बहुत ही मजेदार सीरीज बनाई है. इन तीनों सीरीज से मालूम पड़ता है की डार्क कॉमेडी कंटेंट बढ़िया देने के मामले में राज और डीके इस देश में सबसे आगे हैं. उदाहरण के तौर पर इस सीरीज की शुरुआत में ही एक मातम का सीन है जिसको ऐसा बनाया है कि इसे देखकर दर्शकों की हंसी निकल ही जाएगी. यह दोनों निर्देशकों ने हमेशा की तरह इस बार भी अपने अभिनेताओं से बहुत लाजवाब काम निकलवाया है.

बढ़िया परफॉर्मेंस के मामले में राजकुमार राव इस सीरीज की जान है, जब जब वो स्क्रीन पर आते हैं तब तब हमेशा दर्शकों को खूब हंसी आएगी. गुलशन देवैया जो इस सीरीज के मेन विलेन बने हैं उनका काम तो बहुत ही जोरदार है, वैसे उनका स्क्रीन टाइम कम है इस सीरीज मे लेकिन जब जब वो आते हैं दर्शको को उनसे डर लगेगा खासकर क्लाइमैक्स में और उनके कुछ सीन्स ऐसे हैं जिसमे दर्शक बहुत हंसेंगे, बहुत ही अलग और हटके किस्म का किरदार है उनका कि उनके किरदार पर ही एक अलग सीरीज बन सकती हैं. दुलकर सलमान और आदर्श गौरव ने भी बहुत बड़िया एक्टिंग की है इस सीरीज में. लेट सतीश कौशिक शुरुआत के 2 एपिसोडस में ही हैं लेकिन उनको और उनकी एक्टिंग देखकर बहुत ही मज़ा आता है. इस कहानी के साथ एक स्कूल के तीन बच्चों की भी कहानी चल रही होती है और उन सभी बच्चों का काम तो इस सीरीज मे चार चाँद ले आता है, टीजे भनु, मधु वर्मा, मनुज शर्मा ने भी अपने किरदारों को अच्छे से निभाया है.

इस सीरीज की एडिटिंग अच्छी है लेकिन बहुत अच्छी नहीं क्योंकि बीच के 2-3 एपिसोडस में दर्शकों को थोड़ी बोरियत हो सकती है. इस सीरीज की प्रोडक्शन डिजाइन बहुत अच्छी तरीके से की गई है 1990 दशक के दौर को बहुत बढ़िया तरीके से दिखाया गया है, छोटी से छोटी चीज पर बहुत ध्यान दिया गया है, उत्तराखंड के खूबसूरत पहाड़ी लोकेशंस पर यह सीरीज शूट की गई है.

तो गंस एंड गुलाब्स बहुत ही मनोरंजन से भरी सीरीज है, हाँ बहुत वायलेंस और गालियों की वजह से शायद ये सीरीज पूरे परिवार के साथ देखने में दिक्कत आए लेकिन अगर आपको इन चीजों से बहुत फर्क नहीं पड़ता तो ये सीरीज आप किसी भी कीमत पर मिस मत करिएगा

अभीष्ट चतुर्वेदी

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