Feroz Khan Birthday: हीरो से ऐसे खूंखार खलनायक बने फिरोज खान
अपने दौर के मशहूर एक्टर-डायरेक्टर और प्रोड्यूसर Feroz Khan का आज 25 सितंबर को जन्मदिन है। 70 के दशक के मशहूर सितारे Feroz Khan को बॉलीवुड का स्टाइल आइकॉन माना जाता था। आज तक कोई भी उनके स्टाइल को फॉलो नहीं कर पाया है। उन्होंने 60 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। वे अपने करियर की शुरुआत वैसे तो हीरो की तरह करते थे, लेकिन बाद में जब उन्हें विलेन के किरदार में देखा तो उन्होंने भी इसमें जान डाल दी। Feroz Khan का जन्म 25 सितम्बर 1939 को बैंगलोर के एक पैन्ट्स परिवार में हुआ था। उनके पिता अफगान मूल के और मां ईरानी मूल की थीं। एक्टर की दुनिया में नाम ढूंढने के लिए वह मुंबई चली आईं और कुछ ही मशहूर हस्तियों में मशहूर हो गईं। Feroz Khan ने 1959 में फ़िल्म 'दीदी' से अभिनय की शुरुआत की थी। Feroz Khan हमेशा स्टाइल आइकन बनने की चाहत रखते थे। बाद में उनकी यह इच्छा भी पूरी हो गई। फिरोज खान का नाम सुनते ही आंखों के सामने एक समार्ट-हैंडसम चेहरा, सूट-बूट, जैकेट और सिर पर हैट पहनने वाले शख्स का चेहरा सामने आता है। उन्होंने अपने शाही अंदाज में बॉलीवुड पर वर्षों तक राज किया। साल 1969 में रिलीज हुई फिल्म 'आदमी और इंसान' के लिए Feroz Khan को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की फिल्म का नाम दिया गया। इसके बाद उन्होंने 'धर्मात्मा' और 'मेला' जैसी कई सुपरहिट फिल्में बनाईं। साथ ही डायरेक्शन की तरफ भी अपना रुख कर लिया। अपने करियर की शुरुआत में Feroz Khan ने कुछ पारंपरिक तक फिल्मों में सहायक रोल जारी किए। साल 1965 में रिलीज हुई फिल्म 'ऊंचे लोग' के बाद उन्हें काफी पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने जल्द ही सफर (1970), क्राइम (1972), खोटे सिक्के (1974), धर्मात्मा (1975), कुर्बानी (1980), जांबाज (1986) और यलगार (1992)। फिल्मों से खुद को स्थापित किया। 1980 में प्रदर्शित फिल्म 'कुर्बानी' उनकी सबसे सफल फिल्मों में से एक थी। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया भर में निर्देशक के रूप में भी अपना व्यवसाय स्थापित किया। अपने करियर के आखिरी दौर में उन्होंने कई फिल्मों में विलेन के किरदार निभाए। आखिरी बार उन्हें साल 2007 में अक्षय कुमार की फिल्म 'वेलकम' में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने Underworld Don RDX के किरदार से दर्शकों को खूब वाहवाही लूटी थी। 27 अप्रैल 2009 को फेफड़े के कैंसर के कारण Feroz Khan की मृत्यु हो गई। बंगलुरु स्थित अपने फॉर्महाउस में उन्होंने अंतिम सांस ली थी।