निर्देशक अनुराग कश्यप लीक से हटकर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' हो या 'देव डी', उनकी फिल्में बॉलीवुड में बनती आ रहीं मसाला फिल्मों से काफी अलग होती हैं। पिछले दिनों अनुराग कश्यप 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी' के डायरेक्टर सुधीर मिश्रा के साथ मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड में बन रही फिल्मों के बारे में अपनी राय दी।
अनुराग ने की अच्छी फिल्मों को हॉल में देखने की अपील
अनुराग कश्यप का कहना है, 'आप कहते हैं कि बॉलीवुड में अच्छी फिल्में नहीं बनती हैं। जब अच्छी फिल्में बनती हैं, तब सिनेमाहॉल में इन फिल्मों को देखने जाने की बजाय आप उनके ओटीटी रिलीज का इंतजार करते हैं। इसका सीधा असर फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर पड़ता है। फिल्म तीन-चार दिनों में स्क्रीन से उतार दी जाती हैं।'
टिकट खरीने पर अनुराग कश्यप ने कही ये बात
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अनुराग कश्यप ने आगे कहा, 'देखिये फिल्म का टिकिट खरीदना, वोट डालने जैसा है। आप जैसी फिल्म का टिकिट खरीदोगे वैसी फिल्म ही बनेंगी। जो आप खरीदोगे वही बिकेगी न, साधारण बात है।' इसी दौरान सुधीर मिश्रा ने भी बॉलीवुड में बन रही फिल्मों पर अपनी राय जाहिर की और अनुराग कश्यप से अपनी पहली मुलाकात का भी जिक्र किया। सुधीर मिश्रा ने कहा, 'पिछले 20 साल में अनुराग ने बॉलीवुड के लिए जितना किया है, उतना 'नेशनल फिल्म कॉर्पोरेशन' भी नहीं कर पायी है। मुझे अनुराग पर गर्व है।'
सुधीर मिश्रा ने साझा किया किस्सा
निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा, 'जब सुधीर फिल्म बनाते हैं तो वे पत्थर की लकीर नहीं होती है। फिल्म बदलती रहती है। इनकी सबसे बड़ी बात ये है कि ये पत्थर से भी एक्टिंग करवा लेते हैं। मेरे लिए सुधीर गुरु हैं।' आपको बता दें अपनी-अपनी फिल्म को डायरेक्ट करते हुए न तो सुधीर मिश्रा कट बोलते हैं और न ही अनुराग कश्यप। इसके बारे में बात करते हुए सुधीर मिश्रा कहते हैं, 'जब मैं 'चमेली' फिल्म करीना कपूर के साथ शूट कर रहा था, तब उसने कुछ इतना अच्छा किया जो स्क्रिप्ट में लिखा ही नहीं हुआ था। उसके बाद मैंने तय कर लिया मैं कट नहीं बोलूंगा।' वर्क फ्रंट की बात करें तो 'गुलाब जामुन' और 'किल बिल' अनुराग कश्यप की आगामी फिल्में हैं।