1. उत्तर भारतीय नदियों का कछुआ
कछुए की यह प्रजाति दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया की नदियों में पाई जाती है लेकिन भारत समेत ज्यादातर देशों में यह विलुप्त होने की कगार पर है। म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम में पहले से ही विलुप्त हो चुकी इस प्रजाति का चीन में व्यापार करना गैरकानूनी है और यह बहुत खतरे में है।
2. लाल-मुकुट वाला कछुआ
यह समुद्री जल में जीवित खोपड़ी की एक और मूर्ति है जो अनुभव के संकट से ग्रस्त है। इस फैक्ट्री के कछुओं के सिर पर लाल धारियाँ होती हैं। ये भारत, नेपाल तथा बांग्लादेश की गहरी नदियों में पाए जाते हैं। लगातार गायब हो रहे इस कछुए को गंभीर रूप से लुप्तप्राय जानवरों की श्रेणी में रखा गया है.
3. संकीर्ण सिर और मुलायम खोल वाला भारतीय कछुआ
यह बिलकुल भी कछुए जैसा नहीं दिखता। इसका शरीर छोटा होता है। भारत में हरे रंग का यह कछुआ दुर्लभ है। इसका वैज्ञानिक नाम चित्रा इण्डिका है। छात्रों के मुताबिक, ये कछुए ज्यादातर नदी की गहरी तलहटी में रेत के ऊपर रहते हैं।
4. बेडडोम टोड
पश्चिमी घाट की ओर जाने वाला ये तूफान समुद्र तल से 1500 फीट की ऊंचाई पर रह सकता है. मूल संख्या का कोई अनुमान नहीं है क्योंकि यह एक दुर्लभ प्रजाति है। IUCN ने इसे एक दुर्लभ प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया है क्योंकि जिन प्राकृतिक आवासों में यह रहता है वे अब गंभीर रूप से लुप्तप्राय हैं या तेजी से दुर्लभ होते जा रहे हैं।
5. हैमरहेड शार्क
यह शार्क हिन्द महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर में पाई जाती है। इसकी लंबाई 6 फीट से भी ज्यादा होती है। यह ज्यादातर एशिया में पाया जाता है। अपनी शारीरिक संरचना के कारण यह जाल में आसानी से फंस जाता है। यह बड़े पैमाने पर शिकार का अस्तित्वगत संकट है।