पीएम मोदी ने 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में कहा- 10 वर्षों में आसियान क्षेत्र के साथ हमारा व्यापार 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है

Update: 2024-10-10 11:04 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर वियनतियाने पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने लाओस के वियनतियाने में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने भारत की एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की थी। पिछले दशक में इस नीति ने भारत और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है। आसियान को प्रमुखता देते हुए 1991 में हमने इंडो-पैसिफिक महासागर पहल की शुरुआत की। यह इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक का पूरक है। पिछले साल क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए समुद्री अभ्यास शुरू किए गए थे। पिछले 10 वर्षों में आसियान क्षेत्र के साथ हमारा व्यापार लगभग दोगुना होकर 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। आज भारत की 7 आसियान देशों के साथ सीधी उड़ान कनेक्टिविटी है और जल्द ही ब्रुनेई के साथ भी सीधी उड़ानें शुरू होंगी। हमने तिमोर लेस्ते में नए वाणिज्य दूतावास खोले हैं। सिंगापुर आसियान क्षेत्र का पहला देश था जिसके साथ हमने फिनटेक कनेक्टिविटी स्थापित की और अब इसे अन्य देशों में भी दोहराया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि हम शांतिप्रिय देश हैं, एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं और हम अपने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरा मानना ​​है कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है। आज जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति है, तब भारत और आसियान की मैत्री, सहयोग, संवाद और सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण है।

बता दें पीएम मोदी लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफानडोन के निमंत्रण पर 21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए वियनतियाने, लाओस पीडीआर की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। इस वर्ष भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा हो रहा है

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