नाराज पायलट जल्दी ला सकते है नई पार्टी,11 जून को हो सकता है ऐलान
कई बार टूटने के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी एक बार फिर टूटने की कगार पर आ चुकी है। हमारे विश्वस्त सूत्रों का कहना है की 11 जून को सचिन पायलट अपने समर्थकों का साथ ले कर नई पार्टी बनाने जा रहे है
देश में इस समय कई राज्यों में सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है। और खास करके राजस्थान में । हम आज आपको देश की सबसे पुरानी पार्टी के पुराने परिवार के टूटने की खबर देने वाले है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे की सत्ता की लालसा इंसान को किस हद तक ले जाती है। एक एक सीट के लिए तरसती अपनी ही पार्टी को तोड़ते में ये जनता के नुमाइंदे एक पल नही लगाते।हम बात कर रहे है राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) की।
भ्रष्टाचार का मुद्दा दिखाकर सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने अजमेर से जयपुर तक की पांच दिवसीय जन संघर्ष यात्रा करने के बाद पार्टी हाईकमान सचिन पायलट को बार बार समझाने की कोशिश की। लेकर सब फेल हो गया। कई बार टूटने के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी एक बार फिर टूटने की कगार पर आ चुकी है। हमारे विश्वस्त सूत्रों का कहना है की 11 जून को सचिन पायलट (Sachin Pilot) अपने समर्थकों का साथ ले कर नई पार्टी बनाने जा रहे है। और इस नई पार्टी का नाम होगा प्रगतिशील कांग्रेस। जिसके लिए उन्होंने प्रशांत किशोर को नियुक्त भी कर लिया है। अगर यह होता है तो कांग्रेस के लिए एक और मुसीबत दरवाजा खटखटा रही है।
दरअसल राजस्थान में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। प्रदेश में सचिन पायलट का 40 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। अगर सचिन पायलट पार्टी छोड़ते है तो इन 40 सीटों पर इसका असर जरूर दिखेगा।
वैसे ये पहली बार नहीं जब कांग्रेस टूटी हो
कुछ समय पहले ही कांग्रेस (Congress) के पुराने साथी गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अलग पार्टी बना दी।
जेबी कृपलानी ने 1951 में कांग्रेस से हटकर किसान मजदूर प्रजा पार्टी के नाम से नई पार्टी का गठन किया था।
एनजी रंगा ने हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी की स्थापना की। वर्ष 1956 में सी राजगोपालाचारी ने कांग्रसे छोड़ा और इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया।
वर्ष 1959 में कांग्रेस में सबसे बड़ी टूट हुई थी। उस समय बिहार, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा में कांग्रेस में टूट हुई थी। इसके बाद 1964 में केएम जार्ज केरल में कांग्रेस को तोड़ा और केरल कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई।
वहीं, 1967 में चौधरी चरण सिंह कांग्रेस से अलग होकर भारतीय क्रांति दल के नाम से अलग पार्टी बनाई, बाद में इसी पार्टी को लोकदल के नाम से जाना गया। देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कांग्रेस ने 12 नवंबर 1969 को पार्टी से बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (R) के नाम से नई पार्टी का गठन किया, जिसे बाद में कांग्रेस (I) नाम से जाना गया। वर्तमान में यही पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) बनी।
वीपी सिंह ने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ हो गए और उन्होंने जनमोर्चा के नाम से अपनी नई पार्टी बनाई। हालांकि बाद में जनमोर्चा भी कई टुकड़ों में बंट गई और जनता दल, जनता दल (यू), राजद और समाजवादी पार्टी का जन्म हुआ। वर्ष 1999 के आसपास कांग्रेस में फिर से बगावत हुई और शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस (TMC), YSR कांग्रेस, जनता कांग्रेस, बीजू जनता दल (BJD) का जन्म हुआ। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में मुफ़्ती मुहम्मद सईद ने PDP का गठन कर लिया। अमरिंदर सिंह ने पिछले साल 2 नवंबर को कांग्रेस को पंजाब में झटका दिया और उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस (Punjab Lok Congress) नाम से नई पार्टी बनाई।