गाजा में 15 मेडिकल कर्मियों की मौत पर इजरायली सेना ने मानी गलती, मोबाइल वीडियो से खुली सच्चाई

पहले कहा गया था कि एम्बुलेंस की गाड़ियाँ बिना हेडलाइट और इमरजेंसी सिग्नल के "संदिग्ध तरीके" से आगे बढ़ रही थीं, लेकिन वीडियो में साफ दिखता है कि गाड़ियों पर इमरजेंसी लाइट जल रही थी और सभी वाहन धीरे-धीरे चल रहे थे।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-04-06 21:30 GMT

गाजा पट्टी में 15 पैरा मेडिकल कर्मियों की मौत के मामले में इजरायली सेना ने अपनी पिछली सफाई को गलत बताया है। एक मोबाइल वीडियो सामने आने के बाद सेना ने माना कि जिस आधार पर उसने गोलीबारी की थी, वह गलत था। पहले कहा गया था कि एम्बुलेंस की गाड़ियाँ बिना हेडलाइट और इमरजेंसी सिग्नल के "संदिग्ध तरीके" से आगे बढ़ रही थीं, लेकिन वीडियो में साफ दिखता है कि गाड़ियों पर इमरजेंसी लाइट जल रही थी और सभी वाहन धीरे-धीरे चल रहे थे।

23 मार्च को गाजा के राफा शहर के तेल अल-सुल्तान इलाके में यह घटना हुई। रेड क्रिसेंट और सिविल डिफेंस की टीमें एक घायल एम्बुलेंस की मदद के लिए पहुंची थीं। जैसे ही तीन मेडिकल कर्मी गाड़ियों से बाहर निकले, तुरंत गोलियों की बौछार शुरू हो गई, जो लगभग पांच मिनट तक चली। इस दौरान आठ रेड क्रिसेंट, छह सिविल डिफेंस कर्मचारी और एक संयुक्त राष्ट्र कर्मी की मौत हुई।

बचाव दल की गाड़ियाँ और शवों को बाद में सेना के बुलडोजर से रौंद दिया गया और एक अस्थायी सामूहिक कब्र में दफना दिया गया। एक सप्ताह बाद यूनाइटेड नेशंस और स्थानीय बचावकर्मी वहाँ पहुँच पाए और शवों को निकाला गया।

रेड क्रिसेंट के एक अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी का वीडियो मृत कर्मियों में से एक के मोबाइल फोन से मिला। वीडियो में नजर आ रहा है कि कैसे इमरजेंसी लाइट जलाते हुए वाहन मदद के लिए पहुंचे थे और फिर अचानक उन पर गोलियां चलाई गईं।

एकमात्र बचे पैरामेडिक मुनज़र अबेद ने पुष्टि की कि वीडियो असली है। उन्होंने बताया कि उन्हें वाहन से खींचकर बाहर निकाला गया, पीटा गया, कपड़े उतरवाए गए और बंदूक की नोक पर उनसे पूछताछ की गई।

अबेद ने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि कैसे अगली आने वाली गाड़ियों पर भी गोलीबारी की गई।

इजरायली सेना ने कहा है कि इस घटना की जाँच की जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि इस अभियान में एक हमास कमांडर और अन्य आतंकी मारे गए। लेकिन इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है और मरने वाले पैरामेडिक्स में किसी का नाम सूची में नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता विभाग के एक अधिकारी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मारे गए लोग वही थे जो पहले मरीजों को अस्पतालों से निकालने के लिए काम कर चुके हैं।

रेड क्रिसेंट प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित कर्मचारियों को करीब से निशाना बनाकर मारा गया और उनके शवों पर अब फॉरेंसिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

इस घटना ने इजरायल की सैन्य कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर उन लोगों पर हमला करने को लेकर जो केवल लोगों की जान बचाने का काम कर रहे थे।

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