दिल्ली। लगातार आठवीं बार आम बजट पेश करने जा रहीं सीतारमण पर देश की नजर रहेगी। बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक है। बजट हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष पर्टियों की नजर भी इस बजट पर रहेगी। बिजनेसमैन से लेकर आम लोग भी इस बजट पर नजर बनाए हुए हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट और अपना लगातार आठवां बजट शनिवार को पेश करेंगी। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा पेश करेगा। साथ ही, इसमें कृषि, इंडस्ट्री और सर्विस क्षेत्र के प्रमुख रुझानों के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव भी होंगे। राष्ट्रपति मुर्मू अपने भाषण में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही भविष्य की तैयारियों का खाका पेश करेंगी। हालांकि सभी की निगाहें लगातार आठवीं बार आम बजट पेश करने जा रहीं सीतारमण पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में आधारभूत संरचना विकास, समाज कल्याण और कर सुधार सरकार का मुख्य एजेंडा होगा। सरकार इसके जरिये आधी आबादी को साधे रखने, मध्य वर्ग को राहत देने और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने का संदेश देगी। इस बजट को मोदी सरकार का अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण बजट माना जा रहा है क्योंकि इसी से तय होगा कि आगे देश किस दिशा में आगे बढ़ेगा। बृहस्पतिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति के वक्फ विधेयक पर रिपोर्ट तैयार करने में मनमानी करने, महाकुंभ के प्रबंधन में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए इस पर चर्चा की मांग की है।