संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग! राजनीतिक बयानबाजी हुई तेज, जानें विभिन्न दलों की प्रतिक्रिया?
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस, शिवसेना और एमएनएस सभी ने एक सुर में इस पर प्रतिक्रिया दी है।
सीएम फडणवीस ने कहा कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की इच्छा हमारी भी है लेकिन यह एक संरक्षित स्थल है। कांग्रेस सरकार के समय इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से संरक्षण मिला था।
वहीं, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हर बार कांग्रेस पर आरोप लगाना सही नहीं है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार को स्वयं निर्णय लेना चाहिए।
बीजेपी नेता सुधीर मुंगंटीवार ने कहा कि मैंने अफजल की कब्र से अतिक्रमण हटाया था, तो मेरा इस मुद्दे पर विचार अलग कैसे हो सकता है? महाविकास अघाड़ी सरकार कब्र बनाए रखना चाहती थी, जबकि हमारी सरकार इसे हटाने के पक्ष में है। औरंगजेब जैसे आक्रमणकारी का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। वह रावण के बाद सबसे बड़ा दुष्ट था।
शिवसेना नेता शंभूराजे देसाई ने कहा कि हमारी सरकार औरंगजेब की कब्र को हटाने के पक्ष में है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री केंद्र सरकार से बातचीत करेंगे।
दरअसल, विवाद यहां से शुरू हुई जब समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी ने औरंगजेब का बचाव करते हुए कहा कि मैं 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं मानता। क्योंकि इन दिनों एक फिल्म 'छावा' आई है। जिसमें मुगल बादशाह औरंगजेब को क्रूर शासक दिखाया गया है।
इसके बाद जब उनके बयान पर विवाद बढ़ा तो अबू आजमी ने सफाई देते हुए कहा कि मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ बोलने की सोच भी नहीं सकता। मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने लिखा है।