कनकधारा स्तोत्र क्या है ? जिसके पाठ से मिलती हैं अपार धन-संपदा, ऋषिकेश के ज्योतिषी से जानें रहस्य
सनातन धर्म में दीपावली का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस त्योहार की तैयारी में लोग महीनों पहले से लग जाते हैं. मान्यतों के अनुसार दिवाली के शुभ दिन पर मां लक्ष्मी धरती पर सभी के बीच रहती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं. मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोग अपने घरों को बड़ी सुंदर तरीके से सजाते हैं और कई सारी तैयारियां करते हैं ताकि मां लक्ष्मी के स्वागत में कोई भी कमी न रहें.
ऋषिकेश के पुजारी आचार्य कृष्णा प्रसाद उनियाल बताते हैं कि दीपावली का ये त्योहार दीपों का त्योहार है. इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.जब समुद्र मंथन हुआ था तब इसी दिन सागर से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी इसी वजह से दीपावली के दिन विशेष तौर पर मां लक्ष्मी की पूजा, अनुष्ठान, जाप किया जाता हैं. जो कोई भी सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करता हैं तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर उनपर कृपा करती हैं और उनके घर में सुख शांति बनी रहती है साथ ही धन लाभ भी होता है.
दीपावली पर जरूर खरीदें ये सामग्री
पुजारी कृष्णा प्रसाद बताते हैं कि दीपावली के शुभ अवसर पर सोना चांदी, बर्तन इत्यादि खरीदना बेहद शुभ माना गया है. वहीं इस दिन सभी को मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीद कर अनुष्ठान करना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे की मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा के लिए बनी रहें. इस साल रविवार 12 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी. इस दिन बाकी चीज़ों के साथ ही मां लक्ष्मी की मूर्ति जरूर खरीदें.
कब करना चाहिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ
पुजारी कृष्णा प्रसाद बताते हैं कि इस विशेष दिन पर कनकधारा स्तोत्र को पढ़ना चाहिए. इसकी विशेषता यह है कि इसे पढ़ने के लिए किसी भी प्रकार की विशेष माला, जाप, या पूजन की जरुरत नहीं पड़ती. दिन भर में एक बार कनकधारा स्तोत्र को पढ़ना पर्याप्त है. साथ ही सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए श्री सूक्त का पाठ और मंत्रों का जप किया जाता है. अमावस्या की रात में सूक्त का पाठ और मंत्रो का जप करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा हमेशा के लिए बनी रहती है.