शिव महापुराण में बताए गए हैं मृत्यु के कई संकेत, जानकर रह जाएंगे हैरान |
मृत्यु आने से पहले कई संकेत मिलते हैं. शिव पुराण में इन संकेतों के बारे में बताया गया है. भगवान शिव को महाकार कहते हैं. मृत्यु इनके अधीन है ऐसे में शिव महापुराण में मृत्यु के बारे में क्या कहा गया है आइए जानते हैं.
देवों के देव महादेव कहे जाने वाले भगवान शिव को महाकाल कहा जाता है. महाकाल का मतलब है काल जिसके अधीन मृत्यु भी हो भगवान शिव जन्म-मृत्यु से मुक्त हैं. और इसिलिए शिव महापुराण में मृत्यु के कई संकेत बताए गए हैं. हम आपको उनमें से 7 संकेतों के बारे में बता रहे हैं. जिन लोगों को ये संकेत नज़र आते ऐसा माना जाता है कि मृत्यु उनके नजदीक है.
शिवपुराण हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है जो भगवान शिव के विषय में है. यह पुराण शिवजी की महत्वपूर्ण घटनाओं, उपासना, और उनके लीलाओं के बारे में विस्तार से लिखा गया है.
शिव महापुराण - मृत्यु के संकेत
1- पुराण के मुताबिक जिसके मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने में हो जाती है.
2- जिस व्यक्ति को अचानक मक्खियां आकर घेर लें। उसकी आयु भी कुछ ही महीने बची मानिए.
3- भगवान शिव ने बताया है कि जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, वह जल्द मृत्यु की ओर बढ़ता है.
4- अचानक किसी का शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि मृत्यु के संकेत दिख रहे है.
5- जिस मनुष्य का मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें, उसके लिए भी बुरे संकेत हैं.
6- जिसको चंद्रमा व सूर्य के आस-पास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो उस मृत्यु करीब होने का संकेत होता है.
7- जब किसी का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता रहे, जब सारे अंगों में अंगड़ाई आने लगे और तालू सूख जाए, तब ये संकते अच्छे नहीं हैं.
वैसे आपको एक बात बता दें कि ये सिर्फ संकेत हैं. इसलिए कोई बीमारी भी हो सकती है. टेंशन भी हो सकती है. इसलिए डॉक्टर को जरुर दिखाएं. आज के जमाने में इलाज मौजूद हैं. आपको कोई भी दिक्कत हो तो सबसे पहले इलाज लीजिए इसलिए डरने की जरुरत नहीं है. सावधानी तो हमेशा ही बरतनी चाहिए.