क्या हेमंत सोरेन की पत्नी बनेंगी झारखंड की सीएम? जानें भाजपा ने क्यों दिया राबड़ी देवी का उदाहरण
भाजपा का मानना है कि गिरफ्तार होने से पहले सीएम सोरेन राज्य की सत्ता अपनी पत्नी को सौंप सकते हैं और इसलिए विधायक सरफराज अहमद से इस्तीफा लिया गया है।
जमीन घोटाले मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से सातवां समन जारी होने के बाद उनकी पार्टी के विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया। अब इसे लेकर झारखंड में अचानक ही मुख्यमंत्री बदलने पर चर्चा होने लगी है। दरअसल, भाजपा ने दावा किया कि सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना को झारखंड का नया सीएम बनाने की तैयारी में हैं। भाजपा के अनुसार, कल्पना को चुनाव लड़वाने के लिए ही सरफराज की सुरक्षित सीट को खाली करवाया गया है।
कल्पना सोरेन बनेगी झारखंड की नई सीएम: भाजपा का दावा
बता दें कि हेमंत सोरेन ने ईडी के सात नोटिस जारी हो चुके हैं। इस बीच अब एजेंसी की तरफ से उनकी गिरफ्तारी की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसे में भाजपा का मानना है कि गिरफ्तार होने से पहले सीएम सोरेन राज्य की सत्ता अपनी पत्नी को सौंप सकते हैं और इसलिए विधायक सरफराज अहमद से इस्तीफा लिया गया है। दरअसल, मुख्यमंत्री या मंत्री ऐसे व्यक्ति को भी बनाया जा सकता है जो विधानसभा का सदस्य नहीं है, लेकिन उसे छह महीने के भीतर चुनाव जीतकर सदन में पहुंचना होगा।
सरफराज अहमद गांडेय क्षेत्र से विधायक थे। यह आदिवासी, अल्पसंख्यक बहुल अनारक्षित सीट है। हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना को रिजर्व सीट से नहीं लड़ाया जा सकता है, इसलिए सरफराफ अहमद से इस्तीफा दिलाया गया।
बाबूलाल मरांडी ने दिया राबड़ी देवी का उदाहरण
कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के दावों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी का उदाहरण दिया है। उन्होंने कहा, 'झारखंड में भी बिहार के जंगल राज को दोहराने की कोशिश हो रही है। चारा घोटाले मामले में जेल जाने से पहले लालू यादव ने भी अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाए थे। जेल आते-जाते उनकी पूरी उम्र निकल गई। अब आदिवासियों की जमीन-जायदाद लूटकर धन-दौलत जमा करने वाले हेमंत सोरेन के भी सारे पैतरे फेल हो चुके हैं, इसलिए वह अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर जेल जाना चाहते हैं।'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मरांडी ने हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि सोरेन परिवार ने सत्ता का शीर्ष पद परिवार के लिए ही रखा है। उन्हें परिवार के बाहर किसी दूसरे पर भरोसा ही नहीं है।