क्या इस रणनीति से बिहार में फतह कर पाएगी कांग्रेस?
बिहार में अन्य पार्टियों की तरह कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी का सारा ध्यान एक बूथ दस यूथ की रणनीति पर है। यानी की कांग्रेस का मानना है कि कि युवा रहेंगे तो वे युवा मतदाताओं को भी आकर्षित करेंगे। इस रणनीति का लाभ प्रदेश को जरुर मिलेगा।
क्या है,एक बूथ दस यूथ की रणनीति?
हैदराबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि चुनाव में युवाओं को तरजीह दी जाएगी। इस बैठक में लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीति बनानी में जुट गई है। पार्टी के अंदर युवाओं की भागीदारी देने के साथ ही प्रदेश नेतृत्व का सारा ध्यान एक बूथ दस यूथ की रणनीति पर है। इस मुद्दे पर मंथन करने के लिए जल्द ही प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक भी होगी, जिसमें एक बूथ 10 यूथ मसले पर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जाएगी। फिर नेताओं की सहमति मिलने के बाद जिलाध्यक्षों से भी इस मुद्दे पर उनकी राय ली जाएगी। एक बूथ दस यूथ के मसले पर यदि आपसी सहमति बनती है तो पार्टी इस कार्य में युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ का भी सहयोग लेगी।
यूथ जोड़ो बूथ जोड़ो अभियान क्या है?
बता दें कि युवा कांग्रेस बिहार में पहले से ही यूथ जोड़ो बूथ जोड़ो अभियान चला रही है। इसके तहत वैसे युवा को शामिल किया जा रहा है, जो इस साल वोट देने का अधिकार प्राप्त कर रहे हैं उनके मतदाता पहचान पत्र बनाने में सहयोग दिया जा रहा है। पार्टी की युवा इकाई को युवाओं के बीच जाकर काम करने का भी अनुभव है, जिसका लाभ प्रदेश को जरुर मिलेगा।
पार्टी के मीडिया विभाग का कहना है , हमारी तैयारी लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए चल रही है। एक बूथ पर 10 युवाओं को खड़ा करने का फायदा होगा। वे कहते हैं कि युवा रहेंगे तो वे युवा मतदाताओं को भी आकर्षित करेंगे। पार्टी अपनी रणनीति बना रही है। इसपर जल्द पार्टी की प्रमुख इकाइयों का भी सहयोग लिया जाएगा। पार्टी का मानना है कि युवा साथ आएंगे तभी पार्टी मजबूत होगी और आगे का मार्ग भी प्रशस्त होगा।अब युवाओं को साधने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।