हम लगातार मांग कर रहे थे, आखिर उन्होंने फैसला लिया..- भारत रत्न के एलान पर नीतीश बोले
जन नायक कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी समारोह के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न का सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। इसके लिए लंबे समय से जदयू और सोशलिस्ट विचारधारा के दल इसकी मांग कर रहे थे। उनके पदचिह्नों पर सब को चलना चाहिए। हेलिपैड पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत रत्न उनके त्याग का सम्मान है। वहीं, इस कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नहीं आए। हालांकि उनके आने का पूर्व से कोई निर्धारित कार्यक्रम नहीं था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लगातार कर्पूरी जी को भारत रत्न दिए जाने की मांग कर रहे थे। आखिरकार उन्होंने कल रात फैसला लिया। इसलिए, मैं उन्हें (सरकार को) धन्यवाद देना चाहता हूं, यह एक खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि कर्पूरी जी ने गरीबों के लिए, पिछड़ों के लिए बहुत काम किया। उन्होंने समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए काम किया। उन्होंने शिक्षा और हर क्षेत्र में काम किया।
इससे पूर्व सीएम ने कर्पूरी ठाकुर के पैत्रक गांव पितोजिया कर्पूरी ग्राम में सर्व धर्म प्रार्थना सभा में भाग लिया। इस मौके पर सभी धर्म के अनुयायियों ने सभा की। जन्म शताब्दी से एक दिन पूर्व भारत रत्न की घोषणा किए जाने के बाद बुधवार सुबह से ही कर्पूरी ठाकुर के गांव कर्पूरी ग्राम में लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। लोग एक-दूसरे को बधाई भी दे रहे थे।
लोगों ने बताया कि अभी जो स्मृति भवन बनाया गया है, वह वही स्थल है जहां कर्पूरी ठाकुर की झोपड़ी थी। उन्होंने अपने जीवन काल में झोपड़ी में ही समय गुजरा। उसके बाद उनके बेटे राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने झोपड़ी को स्मृति भवन के रूप में विकसित किया है।
सर्व धर्म प्रार्थना सभा के दौरान राजद के विधायक अख्तरुल इस्लाम, सीपीआईएम के विधायक अजय कुमार, पूर्व विधायक अशोक सिंह और पूर्व मंत्री रामाश्रय साहनी समेत विभिन्न दलों के नेता मौजूद रहे।