सनातन धर्म पर दिए अपने विवादित कथन पर कायम हैं Udhayanidhi Stalin, कहा- आंबेडकर और पेरियार ने...

By :  SaumyaV
Update: 2023-11-06 11:55 GMT

उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि मैं सनातन धर्म पर दिए अपने बयान पर कायम हूं। मैं अपने बयान से पीछे नहीं हटूंगा। मैं कानूनी रूप से इसका सामना करूंगा। आंबेडकर और पेरियार ने जो कहा है उससे ज्यादा मैंने नहीं बोला। उन्होंने यह बात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले पर मद्रास हाईकोर्ट के जज जी. जयचंद्रन की टिप्पणी पर कही। 

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म पर दिए अपने विवादित बयान पर कायम है। उनका कहना है कि वे अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे |

'मैं अपने बयान से पीछे नहीं हटूंगा'

उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि मैं सनातन धर्म पर दिए अपने बयान पर कायम हूं। मैं अपने बयान से पीछे नहीं हटूंगा। मैं कानूनी रूप से इसका सामना करूंगा। आंबेडकर और पेरियार ने जो कहा है, उससे ज्यादा मैंने नहीं बोला। उन्होंने यह बात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले पर मद्रास हाईकोर्ट के जज जी. जयचंद्रन की टिप्पणी पर कही। 

'पहले इंसान बनना महत्वपूर्ण है'

उदयनिधि का कहना है कि पार्टी या सरकार में पद उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखते। उनके लिए हर चीज से बढ़कर पहले इंसान बनना महत्वपूर्ण है। 


'सनातन धर्म का हमेशा विरोध करेंगे'

उदयनिधि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे हैं। उन्होंने कहा कि वे सदियों से सनातन मुद्दे पर बोलते रहे हैं। हम इसका हमेशा विरोध करेंगे। 


मद्रास हाईकोर्ट के जज ने क्या कहा?

मद्रास हाईकोर्ट के जज जी जयचंद्रन ने कहा कि सत्ता में बैठे व्यक्ति को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए और उन विचारों को प्रचारित करने से खुद को रोकना चाहिए, जो विचारधारा, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम करते हैं। इसके बजाय, वे नशीले पेय और दवाओं को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार, अस्पृश्यता और अन्य सामाजिक बुराई के लिए हानिकारक हैं।

न्यायमूर्ति जयचंद्रन ने यह भी कहा कि जिस कार्यक्रम में 'सनातन धर्म' के खिलाफ भाषण दिया गया था, उसके आयोजकों के खिलाफ पुलिस द्वारा निष्क्रियता पुलिस द्वारा 'कर्तव्य में लापरवाही' के बराबर है। 


उदयनिधि ने क्या कहा था?

उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उसे खत्म कर दिया जाना चाहिए। उदयनिधि के इस बयान के बाद देश में सियासी पारा हाई हो गया था। भाजपा ने जहां इस बयान की कड़ी आलोचना की, वहीं द्रमुक सरकार के कुछ सहयोगियों ने विवाद में नहीं पड़ने का फैसला किया। हालांकि उदयनिधि अपनी बात पर अड़े रहे और बार-बार अपने बयान से पीछे हटने से इनकार करते रहे। 

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