तय समय से एक दिन पहले ही संसद का विशेष सत्र खत्म हो गया। महिला आरक्षण बिल पर मुहर

Update: 2023-09-22 08:10 GMT

तय समय से एक दिन पहले ही संसद का विशेष सत्र खत्म हो गया। महिला आरक्षण बिल पर मुहर

ऐसा क्यों हुआ की संसद का विशेष सत्र तय समय से एक दिन पहले ही खत्म हो गया. लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास होने के बाद संसद के दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।



संसद का विशेष सत्र तय समय से एक दिन पहले ही खत्म हो गया। यानी जो विशेष सत्र को 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलना था, लेकिन यह सत्र 21 सितंबर को ही खत्म कर दिया गया । राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को 214 वोटों के साथ पास किया गया । खास बात यह रही कि राज्यसभा में इस बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा.उसके तुरंत बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा पहुंचे. फिर थोड़ी कुछ देर बाद लोकसभा को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. बता दे कि सत्र की शुरुआत से पहले कई कयास लगाए जा रहे थे. की देश का नाम बदलने से लेकर, UCC, वन नेशन-वन इलेक्शन जैसे कई मुद्दे शामिल हो सकते थे।

प्वाइंटस

इंडिया का नाम बदलने को लेकर लगाए जा रहे थे कयास

उम्मीद किया जा रहे था कि केंद्र सरकार देश का नाम INDIA से हटाकर भारत रख देगी. दरअसल देश का नाम बदलने की बात तब सामने आई जब राष्ट्रपति के एक निमंत्रण से शुरू हुई थी. जब राष्ट्रपति ने जब G20 डिनर में राजनेताओं को शामिल होने का निमंत्रण भेजा तो उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ था. जिसके बाद से विशेष सत्र में इन मुद्दों को शामिल किया जाएगा ऐसे कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन यह सारी बाते सिर्फ बयानबाजी साबित हुईं.

आखिर विशेष सत्र क्यों बुलाया ?



असल में एक साल में संसद में तीन सत्र ही बुलाए जाते हैं. लेकिन जब सरकार को किसी विशेष मुद्दे पर चर्चा की जरूरत महसूस होती है तो यह विशेष सत्र बुलाया जाता है.आमतौर पर संसद में तीन सत्र बुलाए जाने की परंपरा है। वहीं संविधान के अनुच्छेद 85 में संसदीय सत्र बुलाए जाने का जिक्र है.

मानसून सत्र: जुलाई में शुरू होकर अगस्त तक चलता है.

बजट सत्र: जनवरी के अंत में शुरू होकर अप्रैल या मई के पहले सप्ताह तक चलता है.

शीतकालीन सत्र: नवंबर से दिसंबर तक आयोजित होता है

संसद का कार्यवाही नए भवन से शुरू हुई।

जैसा कहा गया था कि 18 सितंबर को सत्र शुरू होने से एक दिन पहले संसदीय कार्य विशेष सत्र का एक दिन पुरानी संसद से चलेगा, उसके बाद से नए संसद भवन में शिफ्ट हो जाएंगे. ऐसा ही हुआ.

विशेष सत्र में मोदी सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया और 454 वोटों के साथ यह बिल पारित भी हो गया. बिल के विरोध में 2 वोट पड़े जो कि AIMIM के सांसदों के थे. इसके अगले दिन राज्यसभा में बिल पेश किया गया वहां बिल पास हो गई. इस बीच वो बिल पेश नहीं हो सके जो कि पहले से शेड्यूल्ड थे. दरअसल सरकार द्वारा बताया गया था कि इस सत्र में चार विधेयक पेश किए जाएंगे जिनमें शामिल थे...

अधिवक्ता संशोधन बिल

पोस्ट ऑफिस बिल

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित बिल

प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल

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