राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या में रहेंगे पीएम मोदी, क्या करेंगे राहुल गांधी; जयराम रमेश ने बताया

By :  SaumyaV
Update: 2024-01-20 06:35 GMT

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कई विपक्षी पार्टियों को न्योता दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया। कांग्रेस द्वारा निमंत्रण को ठुकराने के बाद खूब राजनीति भी हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी पार्टी लाइन के अनुसार राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे। उस दिन राहुल क्या करेंगे इस बात का भी अब खुलासा हो गया है। 

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर हर कोई उत्सुक है। कार्यक्रम के लिए कई विपक्षी पार्टियों को भी न्योता दिया गया था, लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया। कांग्रेस द्वारा निमंत्रण को ठुकराने के बाद खूब राजनीति भी हुई।

पीएम मोदी इस राम मंदिर कार्यक्रम के मुख्य यजमान होंगे। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी पार्टी लाइन के अनुसार, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे। उस दिन राहुल क्या करेंगे इस बात का भी अब खुलासा हो गया है। 

22 जनवरी को राहुल क्या करेंगे?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर श्री शंकरदेव की जन्मस्थली असम के नागांव जिले में बोरदोवा सत्रा का दौरा करेंगे।

जयराम रमेश ने एएनआई को बताया,

22 जनवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नौवां दिन है और सुबह 7 बजे राहुल गांधी नागांव जिले के बोरदोवा सत्रा जाएंगे, जो शंकरदेव का जन्मस्थान है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। 


देश के महान समाज सुधारकों में से एक हैं शंकरदेव

कांग्रेस नेता ने कहा कि शंकरदेव हमारे देश के महान धार्मिक गुरु और समाज सुधारकों में से एक हैं और 15 वीं और 16 वीं शताब्दी के दौरान उनका योगदान एक आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उनकी शिक्षाएं हम सबके लिए महत्वपूर्ण हैं।

इस आरोप पर कि कांग्रेस के शीर्ष नेता अपने अहंकार के कारण राम मंदिर (Ram Mandir News) का विरोध कर रहे हैं, जयराम रमेश ने जवाब देते हुए कहा कि हमारे देश में एकमात्र व्यक्ति जो अहंकारी है वह प्रधानमंत्री हैं।

'वन नेशन वन इलेक्शन' का विरोध

कांग्रेस द्वारा 'वन नेशन वन इलेक्शन' के विचार को खारिज करने पर बोलते हुए, जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने आयोग को तीन पन्नों का पत्र भेजा है कि हम वन नेशन वन इलेक्शन के खिलाफ क्यों हैं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है और हम इसका पूरी ताकत से विरोध करेंगे। 


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