वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में मोदी सरकार ने ग्रामीण विकास पर जोर दिया

Update: 2024-02-01 12:15 GMT

1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छठी बार बजट पेश किया। इस बजट के केंद्र में गरीब, युवा, महिला और अन्नदाता रहे। अन्य क्षेत्रों की तरह कृषि के लिए भी इस बजट में कई एलान हुए। बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए ₹1.27 लाख करोड़ का आबंटन किया गया है।

इस बार कृषि क्षेत्र को क्या मिला?

लोकसभा चुनावों से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में सरकार ने ग्रामीण विकास पर जोर दिया है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि किसान हमारे ‘अन्नदाता’ हैं। पीएम-किसान सम्मान योजना के अंतर्गत हर वर्ष सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा प्रदान किया गया है। अनेक दूसरे कार्यक्रमों के अलावा इन उपायों से ‘अन्नदाता’ को देश और पूरी दुनिया के लिए अन्न पैदा करने में सहायता दी जा रही है।

इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत कर दिया है और इसमें 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य का कारोबार हो रहा है और 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं मिल रही हैं।

कृषि-क्षेत्र समावेशी, संतुलित, उच्चतर संवृद्धि और उत्पादकता की ओर अग्रसर है। इन्हें कृषक-केंद्रित नीतियां लाकर, किसानों को उनके आय अर्जन में सहायता देकर, कीमत और बीमा के माध्यम से जोखिम कवरेज देकर, स्टार्ट-अप के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचारों को बढ़ावा देकर सुगम किया गया है।

कृषि क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं:

सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी।

सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी के इस्तेमाल का विस्तार किया जाएगा।

तिलहनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 'आत्मनिर्भर तिलहन अभियान' शुरू किया जाएगा।

डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा।

जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाने, निर्यात दोगुना करने और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा।

पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित किए जाएंगे।

पिछली बार के बजट में किसानों को क्या मिला था?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए कई एलान किए थे। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने की घोषणा की थी। इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की गई। 

वित्त मंत्री ने क्या-किया एलान किए थे?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कई बिंदुओं पर अपनी बात रखी थी। इस दौरान उन्होंने बजट में सात प्राथमिकताएं गिनाई थीं। पहली प्राथमिकता के रूप में किसान, महिला, ओबीसी, एससी-एसटी, दिव्यांगजन, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को तक समग्र विकास पहुंचाने की बात कही गई थी।

इसी प्राथमिकता के तहत कृषि के लिए डिजिटल लोक अधोसंरचना का निर्माण की घोषणा हुई थी। वित्त मंत्री ने कहा था कि इससे किसानों को खेती की योजना बनाने, बीमा, कर्ज, मार्केट इंटेलिजेंस, स्टार्टअप और कृषि आधारित उद्योगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उत्पादन क्षमता और लाभ कमाने की क्षमता भी बढ़ेगी। किसान, सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ेगा। इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाने की घोषणा भी हुई थी ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके।

वित्त मंत्री ने मोटे अनाज को लेकर भी एलान किए थे। सीतरमण ने संसद में कहा था कि, 'मोटे अनाज (श्रीअन्न) को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हम दुनिया में श्रीअन्न के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं। छोटे किसानों ने नागरिकों की सेहत को मजबूत करने के लिए श्रीअन्न उगाया है और बड़ी भूमिका निभाई है।' उन्होंने घोषणा की थी कि सरकार कपास की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देगी। इससे किसानों, सरकार और उद्योगों को साथ लाने में मदद मिलेगी।

ये थीं कृषि क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं:

20 लाख क्रेडिट कार्ड: केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए ऋण का दायरा बढ़ाने की घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण बांटने का लक्ष्य रखा गया था।

किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर: किसानों के लिए किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म तैयार करने की बात कही गई थी। यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।

एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा: केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू करवाने पर फोकस किया था। कृषि स्टार्टअप के लिए कृषि निधि के नाम से डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनाने का एलान किया गया था। इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की तरफ से मदद देने की बात कही गई थी।

मोटे अनाज को बढ़ावा: सरकार ने पिछले बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से श्री अन्न योजना की शुरुआत की थी। इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया था।

बागवानी के लिए: सरकार ने पिछले बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की थी। इसके जरिए बागवानी को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया था।

मछली पालन को बढ़ावा: केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया था। इसके जरिए मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान करने की घोषणा की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ावा देना बताया गया था।

प्राकृतिक खेती के लिए मदद: पिछली बार वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद मुहैया कराएगी। देश में 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना: सरकार ने एलान किया था कि वह अगले पांच वर्षों में वंचित गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करेगी।

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