'हनुमान बड़े राजनयिक थे तभी तो...', S Jaishankar ने रामायण का जिक्र करते हुए लंका दहन को लेकर कही ये बात

Update: 2024-02-01 07:09 GMT

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भगवान राम को एक शानदार राजनयिक बताया है। विदेश मंत्री ने महाकाव्य रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि हनुमान के पास भी एक खुफिया मिशन था। उन्हें सीता के बारे में जानकारी हासिल करनी थी। और वह एक सक्रिय राजनयिक भी थे क्योंकि बाहर जाते समय उन्होंने लंका को बहुत नुकसान पहुंचाया। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।

 विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भगवान हनुमान को लेकर एक दिलचस्प बात कही है। विदेश मंत्री ने कहा कि हनुमान को बड़ा राजनयिक बताया है। एस जयशंकर ने कहा हम देशवासी को बातचीत के लिए पश्चिमी देशों के उदाहरण की जगह अपने ही संस्कृति का उदाहरण देना चाहिए। 

एस जयशंकर ने भगवान हनुमान का जिक्र करते हुए कहा, असल में भगवान हनुमान एक शानदार राजनयिक थे। इसलिए उन्हें एक दूत के रूप में लंका भेजा गया था।" 

भगवान हनुमान एक सक्रिय राजनयिक थे: एस जयशंकर

एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने महाकाव्य रामायण का जिक्र किया। उन्होंने लंका दहन का जिक्र करते हुए कहा, "हनुमान के पास भी एक खुफिया मिशन था। उन्हें सीता के बारे में जानकारी हासिल करनी थी। और वह एक सक्रिय राजनयिक भी थे, क्योंकि बाहर जाते समय उन्होंने लंका को बहुत नुकसान पहुंचाया। 


अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय किस्से-कहानियों का जिक्र हो: विदेश मंत्री

विदेश मंत्री ने आगे कहा, कि रामायण काल में गठबंधन की अवधारणा भी थी। "वानर सेना (वानर सेना) यदि गठबंधन नहीं थी तो क्या थी?" हमें अपने धर्मग्रंथों को आत्मसात करनी चाहिए। 

बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की धूम-धाम से प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस अवसर पर विदेश मंत्री भी अयोध्या में मौजूद थे।

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