अब से पुराने संसद भवन को संविधान सदन से जाना जाएगा।
भारत संस्कृति, परम्पराऔ, सभ्यताऔ का देश है, जहॅा प्राचीन वस्तुए हो, या सभ्यता सभी को हम भारतीय सहेज कर रखते है। इसे सहेज ने के क्रम में एक कदम और उठाया गया। पुराने संसद भवन को यादों में सहेजने के लिए एक नया नाम दिया गया है। अब से पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा। इस बारे में लोकसभा स्पीकर ने नई संसद में जानकारी दी। दरअसल पीएम मोदी ने कहा था कि मेरा एक एक सुझाव है कि जब हम नये संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुरानी संसद भवन) गरिमा कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ पुराना संसद भवन बनाकर नहीं छोड़ देना चाहिए। मेरा आग्रह है कि यदि आप सहमत हैं तो इसे 'संविधान सदन' के नाम से जाना जाए। तो आपको बता दे कि पीएम मोदी के उस सुझाव को स्वीकार कर लिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुराने संसद भवन को अगर संविधान सदन के नाम से जाना जाए। तो कैसा रहेगा।
प्रधानमंत्री आज पुराने संसद भवन में संबोधन के दौरान कही थी ये बात
पीएम मोदी ने आज पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सभी सांसदों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, फिर से संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ बढ़ रहे हैं।
पीएम ने आगे कहा कि संसद के जरिए आर्टिकल 370 से मुक्ति मिली और इसी संसद में मुस्लिम बहनों को भी न्याय मिला। संसद ने ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजनों के लिए कानून बनाए। इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। लालकिले से मैंने कहा था कि यही समय है, सही समय है। भारत जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसके परिणाम जरूर मिलेंगे।