काला धन, स्विस बैंक और 15 लाख... चिरपरिचित अंदाज में लालू का मोदी सरकार पर हमला
देश में चुनाव हो और नेता जी जुमले ना बनाए ऐसा नहीं हो सकता। चुनाव जैसे- जैसे नजदीक आता है नेता जी के लुभावने वादों का फेहरिस्त लम्बी होती जाती है।7 नवंबर,2013 छतीसगढ़ के काकेर यहीं वो वक्त था जब नरेंद्र मोदी अपने भाषण में कहा "एक बार ये जो चोर-लुटेरों के पैसे विदेशी बैंकों में जमा हैं ना, उतने भी हम रुपये ले आए ना, तो भी हिंदुस्तान के एक-एक ग़रीब आदमी को मुफ़्त में 15-20 लाख रुपये यूँ ही मिल जाएँगे." आगे उन्होंने कहा, "सरकार आप चलाते हो, पूछते मोदी को हो कि पैसे कैसे लाएँ? जिस दिन भारतीय जनता पार्टी को मौका मिलेगा एक-एक पाई हिंदुस्तान की वापस लाई जाएगी और हिंदुस्तान के ग़रीबों के लिए काम में लाई जाएगी. ये जनता के पैसे हैं, ग़रीब के पैसे हैं."
2024 लोकसभा चुनाव में NDA का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा के लिए मुंबई में दो दिन से 'INDIA' गठबंधन की 28 विपक्षी दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा है. मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में मीटिंग को संबोधित करते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. वहीं लालू यादव ने कहा कि हमें खुशी है कि सभी दल एक साथ आ रहे हैं. हम शुरू से यह लड़ाई लड़ते रहे हैं कि 'भाजपा हटाओ, देश बचाओ'. आगे उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने के लिए हम लोगों का नाम प्रचारित किया था कि इन लोगों का पैसा स्विस बैंक में जमा है. इतना ही नहीं मोदी जी ने देश की जनता से कहा कि था स्विस बैंक का पैसा वापस लेकर आएंगे और लोगों को 15-15 लाख रुपये मिलेंगे
हम पति-पत्नी ने भी खाता खुलवाया, मगर पैसा नहीं आया'
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव अपने फनी अदांज मे तंज कसते हुए कहा कि इसके लिए मोदी सरकार ने लोगों के जनधन खाते भी खुलवाए थे. हम पति-पत्नी ने भी अपना खाता खुलवाया. मगर पैसा नहीं आया. मिला क्या, ये आप लोगों को भी मालूम होगा. असल में वो पैसा इन्हीं लोगों का था । अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा देश में विपक्ष का कोई ऐसा नेता नहीं बचा है, जिसे जांच एजेंसियों का सामना न करना पड़ा हो.
स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में 50 फीसदी से ज्यादा का इजाफा होने को लेकर स्विस बैंक ने सफाई दी है. उसने कहा है कि इन बैंकों में जमा सभी पैसा काला धन नहीं है.
स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में 50 फीसदी से ज्यादा का इजाफा होने को लेकर स्विस बैंक ने सफाई दी है. उसने कहा है कि इन बैंकों में जमा सभी पैसा काला धन नहीं है. स्विस बैंक BIS की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक 2017 में काले धन में 34.5 फीसदी की कमी आई है. उसने कहा कि एनडीए राज में काला धन 80 फीसदी कम हुआ है. स्विस बैंक बीआईएस ने बताया, ''नॉन-बैंक लोन और डिपोजिट्स (अतीत में इन लेन-देन को ही कालेधन के तौर पर आंका जाता रहा है. इसमें इंटर-बैंकिंग ट्रांजैक्शन शामिल नहीं है ).'' बैंक के मुताबिक 2016 में नॉन-बैंक लोन का आंकड़ा जहां 80 करोड़ डॉलर था. वह 2017 में घटकर यह 52.4 करोड़ डॉलर पर आ गया है. बैंक ने बताया कि एनडीए के राज में स्विस नॉन-बैंक लोन और डिपोजिट्स में काफी ज्यादा कटौती हुई है. 2013 से 2017 के दौरान इसमें 80 फीसदी की कमी आई है. स्विस बैंक की यह सफाई उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आई है, जिनमें कहा जा रहा था कि स्विस बैंक में भारतीयों की जमा राशि 50 फीसदी बढ़ी है.