भाजपा ने गोरखपुर को दिया तैफा, जाने क्या है....

Update: 2023-09-16 07:19 GMT

भाजपा ने गोरखपुर को दिया तैफा, जाने क्या है....

ये कहना गलत नहीं होगा की पार्टी किसी की भी हो चुनावी रेवड़ी बटना हो, या कुछ सामिजक कामो से तारीफे लेनी हो, तो ये आपको चुनाव के नजदीकी दिनों में देखने को मिल जाएगे। भारतीय जनता पार्टी ने लोक सभा चुनाव में यूपी के 80 सीटों पर जीत का सेहरा लेकर चल रही हैं। चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने सभी जिलों के जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है। गोरखपुर के कई जिलों के जिला अध्यक्ष बदल दिए गए हैं। जबकी संतकबीर नगर गोरखपुर जिला और गोरखपुर महानगर तीन संगठनात्मक जिलों के जिलाध्यक्ष पुराने ही रहेगे। वहीं नए जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं का इंतजार अब खत्म हुआ। उम्मीद नहीं थी की इतने जिलों के अध्यक्ष बदल दिए जाएगे। भाजपा नेतृत्व ने 12 संगठनात्मक जिलों में से केवल तीन के पुराने अध्यक्षों पर भरोसा जताया, जबकि नौ जिलों के कार्यकर्ताओं को नया जिलाध्यक्ष दे दिया। जिन तीन जिलों में पुराने जिलाध्यक्षों को फिर से जिम्मेदारी दी गई, उनमें गोरखपुर के दोनों संगठनात्मक जिले शामिल हैं। तीसरा जिला संत कबीरनगर भी गोरखपुर प्रशासनिक मंडल का ही है।

जिलाध्यक्ष बदले गये यहां

जिन जिलों के जिलाध्यक्ष बदले गए हैं, उनमें देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, आजमगढ़, लालगंज, मऊ व बलिया शामिल हैं। जिलाध्यक्षों के चयन में मिशन-2024 के लक्ष्य को पूरा करने की योजना साफ झलक रही। पार्टी नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को न केवल नया जिलाध्यक्ष दिया, बल्कि इसके जरिये चुनावी नजरिये से सामाजिक समीकरण भी साधा है। सूची में सवर्णों को पुरी जगह दी गई तो वहीं ओबीसी व एससी को भी पूरा ख्यास रखा गया है।

12 में से सात जिलों को मिले हैं सवर्ण जिलाध्यक्ष

12 में से सात जिलों को सवर्ण जिलाध्यक्ष मिले हैं तो चार जिले का नेतृत्व ओबीसी कार्यकर्ता और एक जिले का नेतृत्व एससी कार्यकर्ता को सौंपा गया है। यही नहीं एक जिले में महिला कार्यकर्ता पर भरोसा जताया गया है। सूची पर सवाल न उठे, इसके लिए बलिया को छोड़ सभी जिलों में जो अध्यक्ष बनाए गए हैं, वह पिछली जिला कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण स्थान पर रहे हैं।

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