सीट बंटवारे पर I.N.D.I.A के बड़े नेता आज करेंगे मंथन, विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाने पर फैसला संभव
लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे की शुरू हुई कसरत के बीच विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए के शीर्ष नेताओं की शनिवार को वर्चुअल बैठक होगी। चुनावों की उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही आईएनडीआईए के कई दलों की ओर से गठबंधन का संयोजक बनाने का कांग्रेस पर दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में आईएनडीआईए ब्लॉक की वर्चुअल बैठक में संयोजक तय करने का फैसला लिया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव के सीट बंटवारे की शुरू हुई कसरत के बीच विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए के शीर्ष नेताओं की शनिवार को वर्चुअल बैठक होगी। इसमें 2024 चुनाव के लिए सीट बंटवारे की अब तक की पहल की समीक्षा करने और गठबंधन का संयोजक तय करने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
बैठक में किया जा सकता है संयोजक तय
चुनावों की उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही आईएनडीआईए के कई दलों की ओर से गठबंधन का संयोजक बनाने का कांग्रेस पर दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में आईएनडीआईए ब्लॉक की वर्चुअल बैठक में संयोजक तय करने का फैसला लिया जा सकता है। बिहार के मुख्यमंत्री जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को आईएनडीआईए का संयोजक बनाने की पैरोकारी की जा रही है।
उत्तरप्रदेश के उभरते सियासी समीकरणों पर हो सकती है चर्चा
विपक्ष के शीर्ष नेताओं की बैठक में चुनावी लिहाज से सबसे अहम उत्तर प्रदेश के उभरते सियासी समीकरणों के मद्देनजर बसपा को आईएनडीआईए में शामिल करने की संभावनाएं टटोलने के प्रयासों पर भी चर्चा की संभावना है।
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुलाई है बैठक
मणिपुर में 14 जनवरी से राहुल गांधी की शुरू हो रही न्याय यात्रा से ठीक एक दिन पहले शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आईएनडीआईए के नेताओं की सुबह 11.30 बजे वर्चुअल बैठक बुलाई है। इस बैठक के मद्देनजर ही शुक्रवार को दिल्ली की लोकसभा सीटों के तालमेल को लेकर आम आदमी के साथ तो उत्तर प्रदेश में सपा के साथ होने वाली कांग्रेस की बैठक को टाल दिया गया।
बैठक में इन एजेंडों पर हो सकती है चर्चा
विश्वस्त सूत्रों ने पुष्टि कि शनिवार को शीर्ष नेताओं की बैठक में सीट बंटवारे संग संयोजक का मुद्दा चर्चा के एजेंडे में शामिल है। नीतीश कुमार को आईएनडीआईए का संयोजक बनाने का मुद्दा काफी समय से गरम है और राजद नेता लालू प्रसाद भी इसके पक्ष में बताए जाते हैं। शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी नीतीश को यह जिम्मेदारी देने के हिमायती हैं। शरद पवार को भी इस पर कोई एतराज नहीं है।
नीतीश कुमार को लेकर ममता ने नहीं दिखाया उत्साह
वहीं, कांग्रेस अब तक गठबंधन का संयोजक बनाने के प्रस्तावों को तवज्जो नहीं दे रही थी मगर संकेत हैं कि घटक दलों के अंदरूनी दबाव की वजह से वर्चुअल बैठक में वह इस पर चर्चा के लिए राजी हो गई है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बिहार के मुख्यमंत्री को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपने को लेकर अब तक कोई उत्साहजनक रूख नहीं दिखाया है।
ममता ने रखा था खरगे को PM उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव
ममता ने 19 दिसंबर को आईएनडीआईए की बैठक में इस इतर अलग रूख अपनाते हुए मल्लिकार्जुन खरगे को आईएनडीआईए का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन गठबंधन के अंदरूनी सियासत को साधने की रणनीति के तहत खरगे ने विनम्रता से इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए साफ कर दिया था कि विपक्षी गठबंधन का प्रधानमंत्री का चेहरा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सहमति से तय होगा।
विपक्षी खेमे के सूत्रों ने पुष्टि कि सीट बंटवारे की रूपरेखा को यथाशीघ्र अमलीजामा पहनाने के लिए गठबंधन के शीर्ष नेताओं के बीच आपसी चर्चा और समीक्षा जरूरी है। ताकि सीट बंटवारे की जहां-जहां कुछ उलझने हैं उसका नेतृत्व के स्तर पर रास्ता निकालने का प्रयास किया जा सके।
कई दलों से बातचीत कर चुकी है कांग्रेस
कांग्रेस की महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी के घटक दलों शरद पवार की एनसीपी और शिवसेना यूबीटी से, उत्तर प्रदेश में सपा-रालोद, बिहार में राजद तो दिल्ली में आप से एक-एक दौर की बातचीत हो चुकी है। अब इन पार्टियों के बीच सीटों के असल बंटवारे का अंतिम फैसला होना है।
बंगाल में कांग्रेस के लिए तृणमूल कांग्रेस से तालमेल बड़ी चुनौती
वहीं, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के लिए तृणमूल कांग्रेस से तालमेल बड़ी चुनौती है क्योंकि टीएमसी ने कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति से इस बारे में बातचीत करने से मना कर दिया है। टीएमसी साफ तौर पर सीधे कांग्रेस नेतृत्व से सीट बंटवारे पर दो टूक चर्चा कर निर्णय लेने के पक्ष में है। जाहिर तौर पर बैठक में इन पहलुओं पर भी विपक्षी नेताओं के बीच मंत्रणा होगी।
उत्तर प्रदेश में सपा-रालोद से कांग्रेस का तालमेल तय
उत्तर प्रदेश में सपा-रालोद से कांग्रेस का तालमेल तय है मगर सूबे में भाजपा को मजबूत चुनौती देने के लिए कांग्रेस पिछले कुछ समय से बसपा को आईएनडीआईए में लाने का गंभीर प्रयास कर रही है। माना जा रहा है कि सपा और बसपा के बीच सेतु बनकर उत्तर प्रदेश में विपक्ष का एकजुट गठबंधन का कांग्रेस का प्रयास भी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में सीटों के तालमेल की बैठक टालने की एक वजह बताई जा रही है।